Browsing: Manoj Yadav and Radhakrishna Kishore

आधुनिक राजनीति को वैसे अवसरवादिता का पर्याय माना जाता है, लेकिन कभी-कभी यह अवसरवादिता इतनी महंगी पड़ जाती है कि लोगों की हस्ती भी इसमें गायब हो जाती है। झारखंड में चुनाव से ठीक पहले पाला बदलने का लंबा इतिहास रहा है और कई लोग ऐसे भी हुए, जिन्हें इसका लाभ मिला, लेकिन दूसरी तरफ कई ऐसे नेता भी हैं, जो चुनाव हारने के साथ ही सार्वजनिक जीवन से गायब ही हो गये। सुखदेव भगत, मनोज यादव और राधाकृष्ण किशोर ऐसे ही नेता हैं।