पंजाब से पैदल बिहार जा रहे मजदूरों को इस बात का इल्म भी नहीं था कि उनके कदम मौत को करीब ला रहे हैं। सपने एक दर्दनाक हकीकत में तब्दील होने वाले हैं, जो घर छोड़ते वक्त देखे थे। अपनों से मिलने की जल्दी थी तो दो रोटी के लिए रास्ते में कहीं रुकना मंजूर नहीं था। हाथ पर ही खाना रखकर खाते चले जा रहे थे।