Browsing: The new traffic law should not backfire anywhere

आज राजनीति से हट कर एक ऐसे मुद्दे की चर्चा, जो पिछले पांच दिन से हमारे-आपके जीवन से जुड़ गयी है। जी हां, हम बात कर रहे हैं नये मोटर वाहन कानून की, जिसके तहत जुर्माने की रकम को 10 गुना तक बढ़ा दिया गया है। नया कानून भारत के हर वैसे व्यक्ति के लिए एक भयानक सपने की तरह बन गया है। देश के हर कोने में अचानक यातायात पुलिस बेहद सक्रिय हो गयी है। लेकिन दुर्भाग्य से उसकी यह सक्रियता जुर्माना वसूलने के टारगेट को पूरा करने के लिए है, न कि यातायात नियमों का अनुपालन कराने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए। यदि कोई कानून आम लोगों को तकलीफ देने लगे, तो उसके औचित्य पर सवालिया निशान लग जाता है। ऐसी स्थिति में कानून बनानेवालों को यह विचार करना ही होगा कि क्या उनके द्वारा बनाया गया कानून अपने उद्देश्यों को हासिल करने में सफल रहा है। आजकल देखा जा रहा है कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करनेवालों से वसूला गया जुर्माना पुलिस विभाग की उपलब्धि के रूप में दिखाया जा रहा है। यह बेहद दुखद है और खतरा इस बात का है कि कहीं नया कानून बैकफायर न कर जाये। डंडे के जोर पर कानून का पालन करना स्वस्थ समाज की निशानी नहीं है। इसलिए यातायात पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली पर विचार करना चाहिए। नये ट्रैफिक कानून के कारण पैदा हुई परिस्थिति पर आजाद सिपाही टीम की विशेष रिपोर्ट।