रांची: कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने जाति प्रमाण पत्र/स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र के लिए आये आवेदन के संबंध में सभी अनुमंडल पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मंगलवार को समीक्षा की। निर्देश दिया कि प्रज्ञा केंद्रों का औचक निरीक्षण कर प्रतिवेदन उपलब्ध करायें। अंचल कार्यालयों का निरीक्षण किया जाये, जिसमें सुनिश्चित किया जाये कि राजस्व कर्मचारी/अंचल निरीक्षक/अंचल अधिकारी के स्तर पर जाति/स्थानीय प्रमाण पत्र के मामले लंबित न रहें।
स्पष्ट किया कि विलंब के लिए दोषी पदाधिकारी/कर्मचारी पर दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी। जन सुविधा केंद्र के माध्यम से नागरिकों को ऐसे प्रमाण पत्रों के लिए आवेदन सुगमता पूर्वक देने की व्यवस्था करायी जाये। सभी प्रज्ञा केंद्रों एवं जन सुविधा केंद्र में वाल पेंटिंग के माध्यम से इन प्रमाण पत्रों के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची प्रदर्शित करायी जाये।
मामला लंबित रहने पर जतायी नाराजगी
प्रधान सचिव ने विभाग में टॉल फ्री नंबर-18003456568 पर दर्ज मामलों में विलंब पर नाराजगी जतायी। कहा कि झारखंड सेवा देने की गारंटी अधिनियम के अधीन जाति प्रमाण पत्र एवं स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र के लिए आवेदन की तिथि से 30 दिनों की समयावधि निर्धारित है। इसमें संबंधित प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाना चाहिए। प्रधान सचिव ने कहा कि प्रत्येक जिला मुख्यालय में जन सुविधा केंद्र कार्यरत है। ऐसे व्यक्ति जो स्वयं आॅनलाइन आवेदन नहीं कर सकते, वह जन सुविधा केंद्र में जाकर नि:शुल्क आॅनलाइन आवेदन दे सकते हैं। प्रमाण पत्र के लिए किसी साइबर कैफे के माध्यम से भी उपर्युक्त पोर्टल पर आॅनलाइन आवेदन दिया जा सकता है।
डमी आवेदन सृजित करने का विकल्प हटायें
अनुमंडल पदाधिकारी दुमका के द्वारा बताया गया कि कुछ प्रज्ञा केंद्र के द्वारा डमी आवेदन संख्या सृजित किया जाता है, जिसका प्रयोग वह बाद में शीघ्र सेवा उपलब्ध कराने के नाम पर आवेदक से अवैध राशि की वसूली के लिए करते हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है। प्रधान सचिव ने जैप आइटी को निर्देश दिया कि वह इस प्रकार के डमी आवेदन सृजित करने के विकल्प को अविलंब आॅनलाइन व्यवस्था से हटायें।
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