रांची: झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास खाली कराने के लिए याचिका दायर की गयी है। झारखंड हाइकोर्ट में दीवान इंद्रनील सिन्हा ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवासों को लेकर जनहित याचिका दाखिल की है। प्रार्थी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधु कोड़ा एवं हेमंत सोरेन के सरकारी आवास और अन्य सुविधा नि:शुल्क दिये जाने का जिक्र भी किया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के लोक प्रहरी बनाम यूपी सरकार के आदेश को झारखंड में लागू करवाने का आग्रह किया है।
प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट से यह आदेश जारी
हुआ है, तो सैद्धांतिक रूप से झारखंड में भी इसे लागू किया जाना चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय ने कानूनी रूप से गलत बताया था : सर्वोच्च न्यायालय द्वारा डब्ल्यूपी (सिविल) 657/2004 लोक प्रहरी बनाम स्टेट आॅफ यूपी एवं अन्य में अपने जजमेंट में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास खाली करने का आदेश दिया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त 2016 के अपने आदेश में कहा था कि यूपी सरकार ने जो रूल फ्रेम किया था, जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगले एवं अन्य सुविधाएं दी गयी थीं, वे कानूनी तौर पर गलत है। कोर्ट ने आदेश की तिथि से दो माह के भीतर पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले हैंडओवर करने को कहा था। निर्धारित अवधि में खाली नहीं करने पर जिस अवधि तक वे अनधिकृत रूप से उस बंगले/आवास में रह रहे थे या उस पर कब्जा किये हुए थे, उस अवधि तक का किराया सरकार को उनसे वसूलने का निर्देश भी दिया था।
झारखंड के पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों को राज्य सरकार की ओर से शुल्क मुक्त सरकारी बंगले एवं अन्य सुविधाएं मुहैया करायी गयी हैं। सरकार के संकल्प 514 दिनांक 24 मार्च 2003 एवं संकल्प संख्या 815 दिनांक 6 मई 2003 के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास, सुरक्षा, वाहन, दूरभाष, कार्यालय की सुविधा प्रदान की गयी है। पूर्व मुख्यमंत्रियों पर हो रहे खर्च के कारण प्रतिवर्ष सरकार को करोड़ों रुपये वहन करना पड़ता है, जबकि सभी पूर्व मुख्यमंत्री खुद ही ये सारे खर्च उठाने में सक्षम हैं। पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवासों पर निगाह डालें, तो बाबूलाल मरांडी को रांची के मोरहाबादी में, अर्जुन मुंडा को सर्कुलर रोड स्थित आवास, शिबू सोरेन को मोरहाबादी स्थित आवास, मधु कोड़ा को दीनदयाल चौक के निकट आवास एवं हेमंत सोरेन को कांके रोड स्थित आवास राज्य सरकार द्वारा नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया है।