रांची: झारखंड के छोटे-छोटे ठेकेदारों को बड़ी और पेटी पर काम करानेवाली कंस्ट्रक्शन कंपनियों के चंगुल से मुक्ति मिलेगी। इतना ही नहीं, अब उन्हें पेटी पर काम कर मामूली आय पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, बल्कि वे स्वयं बड़ा काम कर अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे। राज्य सरकार ने अब प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत छोटे और स्थानीय ठेकेदारों को ही एक लाख से लेकर 2.5 करोड़ तक का काम देने का फैसला लिया है। इससे निबंधित होने के बावजूद वर्षों तक काम की आस में बैठे रहनेवाले छोटे ठेकेदारों को भी अब काम मिलेगा। सिर्फ छोटा ही नहीं, ढाई करोड़ तक का काम वे कर सकेंगे। इससे न सिर्फ बेरोजगारी घटेगी, बल्कि विकास कार्यों में भी तेजी आयेगी।
स्थानीय ग्रामीणों को होगा लाभ
ग्रामीण क्षेत्र में बनने वाली सड़क की योजनाओं से बेरोजगारी दूर की जायेगी। बेरोजगारों को इस योजना के तहत सड़क बनाने का ठेका दिया जायेगा। अब बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियां शहरों से जाकर ग्रामीण क्षेत्रों में काम नहीं ले सकेंगी। पीएमजीएसवाइ और राज्य संपोषित योजनाओं का काम स्थानीय लोगों को प्राथमिकता के आधार पर मिलेगा। ग्रामीण विकास विभाग के ग्रामीण कार्य मामले की ओर से इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी गयी है। विभागीय मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा की पहल पर ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को सड़क निर्माण की ठेकेदारी से रोजगार मिलने की संभावना बढ़ गयी है।