बीजिंग:  विश्वविख्यात चीन की दीवार पर समय का असर भले दिखने लगा हो पर तेजी से विकसित आधुनिक देश में बदल रहे चीन में नमक कारोबार पर सरकार का एकाधिकार टस से मस होने का नाम नहीं ले रहा था। सरकार 2,000 से भी अधिक पुरानी व्यवस्था में ढील देनी शुरू कर दी है।

चीन की राज्य परिषद की पिछले साल की योजना के अनुसार नए साल में सरकारी विनियामक निजी इकाइयों को नमक बाजार में कारोबार की छूट देने जा रहे हैं। नयी व्यवस्था में मौजूदा थोक व्यापारियों को अब अपने निर्धारित इलाकों से बाहर जा कर भी कारोबार करने की अनुमति होगी। वे अपना विज्ञापन अभियान भी चला सकेंगे तथा ‘आधुनिक वितरण नेटवर्क’ भी शुरू कर सकेंगे।

राज्य परिषद की अधिसूचना के अनुसार कीमतों को बाजार पर छोड़ा जाएगा पर इस छूट के बावजूद सरकार नमक के खुदरा मूल्य पर निगाह रखेगी ताकि कीमतों में ज्यादा उतार चढ़ाव न आए। चीन के शासकों ने सदियों से नमक के उत्पादन और व्यापार पर कड़ा नियंत्रण रखा है। यह व्यवस्था 2,000 वर्ष से भी ज्यादा समय से चल रही है। चीन की मौजूदा कम्यूनिस्ट व्यवस्था में योजनाकार नमक के उत्पादन और कीमतों के लक्ष्य तय करते हैं।

देश में एक नमक पुलिस भी है जो नमक का निजी स्तर पर उत्पादन करने वालों को सूंघ कर उनका कारोबार बंद करा देती है। चीन अब अपने बाजार को निजी और विदेशी प्रतिस्पर्धा के लिए खोलता जा रहा है। शंघाई के वकील झोउ जियालाई ने कहा कि इस नमक कारोबार में सरकार का एकाधिकार खत्म होना मानकर ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकारी कंपनियों का नियंत्रण अब भी बना रहेगा पर उन्हें पहले से अधिक प्रतिस्पर्धा का सामना जरूर करना पड़ेगा।

जियालाई ने नमक से जुड़े मामलों में निजी कंपनियों की पैरवी करते रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘यह व्यवस्था में सुधार नहीं है बल्कि स्थिति के थोड़ा अच्छा होने जैसा है।. एकाधिकार अब भी बरकार है जो कि अनुचित है।’

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