नयी दिल्ली:  उच्चतम न्यायालय ने अन्नाद्रमुक की दिवंगत नेता जे जयललिता की मौत की सीबीआई जांच या शीर्ष न्यायालय के किसी न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच की मांग को लेकर दायर याचिकाओं को आज खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति पीसी घोष और न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की पीठ ने कहा कि इसी तरह की एक याचिका मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित है। पीठ ने इससे जुड़ी याचिकाओं पर कहा, ‘‘हम इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहते हैं क्योंकि इस तरह का एक मामला पहले ही मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित है। याचिकाओं को खारिज किया जाता है।’’

उच्चतम न्यायालय ने राज्यसभा सदस्य और निलंबित अन्नाद्रमुक नेता शशिकला पुष्पा के अलावा एक गैर-सरकारी संगठन की इसी मुद्दे पर दायर रिट याचिका को भी खारिज कर दिया। पुष्पा ने इस मुद्दे को लेकर 18 दिसंबर 2016 को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत ‘संदिग्ध’ थी क्योंकि उनकी तबीयत की वास्तविक स्थिति का खुलासा नहीं किया गया था, किसी को भी उनसे मिलने की इजाजत नहीं दी गयी थी, अंतिम संस्कार से पहले उनके पार्थिव शरीर की तस्वीरों में शव पर लेपन किया हुआ दिखता है और उनके अस्पताल में भर्ती कराये जाने से लेकर मृत्यु तक की सारी चीजों को ‘‘गोपनीय रखा गया।’’

इसी तरह की एक याचिका तमिलनाडु तेलुगू युवा शक्ति ने दायर की थी और अन्नाद्रमुक नेता की मौत की परिस्थितियों को लेकर संदेह जाहिर किया था और विशेषज्ञों से उनके मेडिकल रिपोर्ट की जांच करवाने की मांग की थी।

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