रांची: कांग्रेस ने विरोध मार्च निकालकर नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन किया। महानगर अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह के नेतृत्व में जिला स्कूल से समाहरणालय तक निकाले गये विरोध मार्च में मुख्य रूप से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत, कांग्रेस के सचिव और झारखंड प्रभारी तारचंद भगोरा, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम समेत कई लोग शामिल हुए। नोटबंदी पर सरकार को घेरते हुए सुखदेव भगत ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के विकास की धारा को बेसलेस कर दिया है। पहले लोगों को लैंडलेस करने की साजिश की गयी, अब कैशलेस का दिवा स्वप्न दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तो राष्ट्रपति ने भी स्पष्ट कर दिया है कि नोटबंदी से गरीब जनता बुरी तरह प्रभावित हुई है। सुखदेव ने कहा कि वास्तव में नोटबंदी ने देश के गरीब और आम का जीना मुहाल कर दिया है। 50 दिनों का समय समाप्त हो चुका है, मगर स्थिति में सुधार नहीं के बराबर है। विरोध मार्च में मनोज पांडेय, आलोक दुबे, राजीव रंजन प्रसाद, राजेश सिन्हा सन्नी, लोकेश खलखो, प्रवीण टोप्पो, कौशिक चक्रवर्ती, सुनील दास, कुमार रौशन, विनय सिन्हा दीपू, बेलू भाई, राजेश रूद्रा, राजेश कुमार गुप्ता, अशोक शर्मा, आनंद जलान, राजूराम, नंदू साहू और किशन अग्रवाल समेत कई नेता मौजूद थे।
नोटबंदी एक तुगलकी फरमान : आलमगीर
सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि नोटबंदी एक तुगलगी फरमान है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है। कई लोगों ने बैंक की लाइनों में अपनी जान गवायी हंै और सभी मृतक गरीब परिवार के सदस्य थे। मोदी बतायें कि नोटबंदी से किन गरीबों का भला हुआ है?
नोटबंदी का निर्णय राष्ट्रविरोधी : भगोरा
झारखंड प्रभारी ताराचंद भगोरा ने कहा कि नोटबंदी का निर्णय राष्ट्रविरोधी है, गरीब मजदूर किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हो गये हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को अब देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि जिनके लिए यह नोट बंद किया गया, उनका धन तो नहीं आया, उल्टे जिनके पास कालाधन था वो सफेद हो गया। नोटबंदी में आम आदमी फंस गया। देश के छोटे उद्यमी, व्यापारी और किसान सरकार के फैसले से बर्बाद हो गये। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से व्यापार पूरी तरह से प्रभावित हुआ है और इसका दुष्परिणाम अब आहिस्ता-आहिस्ता लोगों को नजर आने लगा है।
नोटबंदी से देश आर्थिक मंदी के कगार पर : छाया वर्मा
राज्यसभा सांसद छाया वर्मा ने कहा कि नोटबंदी ने देश को आर्थिक मंदी के कगार पर खड़ा कर दिया है। नोटबंदी स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला है। एक फीसदी कालाधन रखने वालों को पकड़ने के लिए देश की 86 फीसदी करेंसी बंद कर पीएम मोदी ने 99 फीसदी इमानदार और मेहनतकश भारतीयों पर मुसीबतों का पहाड़ तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद भाजपा के कई नेताओं के पास से करोड़ों रुपये पकड़े गये। भाजपा के नेताओं ने करोड़ों की जमीन खरीदी लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।