पुणे: महेंद्र सिंह धोनी ने भारत के सीमित ओवरों का कप्तान पद छोड़ने के अपने अचानक लिए गए फैसले के संदर्भ में शुक्रवार को कहा कि भारत में अलग फॉर्मैट के लिए अलग कप्तान की व्यवस्था नहीं चलती। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम अब तक की सबसे सफल टीम बनकर इतिहास रचेगी। इंग्लैंड के खिलाफ रविवार से शुरू होने वाली वनडे सीरीज से पहले कप्तानी छोड़कर धोनी ने सभी को हैरान कर दिया था।
कप्तानी छोड़ने के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए धोनी ने कहा, ‘मैं विभाजित कप्तानी में विश्वास नहीं करता। टीम के लिए केवल एक कप्तान होना चाहिए। भारत में अलग फॉर्मैट के लिए अलग कप्तान की व्यवस्था नहीं चलती।
मैं सही समय का इंतजार कर रहा था। मैं चाहता था कि विराट इस काम में सहज महसूस करें। इस फैसले में कुछ भी गलत नहीं है। इस टीम में तीनों प्रारूपों में अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता है। मेरा मानना है कि यह पद छोड़ने का सही समय था। विराट और उनकी टीम मेरी तुलना में अधिक मैच जीतेगी। मुझे लगता है कि यह अब तक सबसे सफल टीम होगी। उनके पास इस तरह की अनुभव और क्षमता है। उन्होंने नॉकआउट टूर्नामेंट खेले हैं और उन्होंने इन्हें दबाव में खेला है। मेरा पूरा विश्वास है कि यह ऐसी टीम है जो इतिहास फिर से लिखेगी।’
धोनी ने कप्तानी छोड़ने के अपने फैसले के संबंध में कहा कि उन्होंने BCCI को काफी पहले इस बारे में अवगत करा दिया था। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में 2014 के दौर में टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद से ही यह उनके दिमाग में घूम रहा था। धोनी ने कहा, ‘मेरा मानना है कि एक खिलाड़ी का टीम की अगुवाई करना महत्वपूर्ण है। जब विराट ने टेस्ट कप्तानी संभाली तभी से यह बात मेरे दिमाग में थी। मैं चाहता था कि वह पद संभाले और इसमें सहज रहे। मैं कुछ मैचों में कप्तान बने रहना चाहता था और अब आखिर में मैंने फैसला किया कि अब आगे बढ़ने और विराट को सीमित ओवरों की भी कप्तानी सौंपने का समय आ गया है। विकेटकीपर हमेशा टीम का उपकप्तान होता है। कप्तान क्या चाहता है मैं उस पर करीबी नजर रखूंगा। मेरी विराट से पहले ही बातचीत हो गई है। जब भी वह चाहेगा मैं उसे सुझाव देने के लिए वहां रहूंगा। मुझे फील्डिंग की सजावट पर करीबी नजर रखनी होगी।’
धोनी ने कहा कि उन्होंने कप्तान के रूप में उतार-चढ़ाव के बावजूद इसका पूरा लुत्फ उठाया। उन्होंने कहा, ‘मुझे जिंदगी में किसी चीज का खेद नहीं है। कई अच्छी चीजें हुई इनमें किसी एक का चयन करना मुश्किल है। मेरे लिए यह यात्रा उतार-चढ़ाव वाली रही। जब मैंने शुरुआत की तो कई सीनियर खिलाड़ी टीम में थे। मैंने युवा खिलाड़ियों को तैयार करने की कोशिश की। जब सीनियर खिलाडि़यों ने संन्यास लिया तो जूनियर ने उसके बाद अच्छा प्रदर्शन किया। वे भारतीय क्रिकेट की विरासत को आगे बढ़ाने में सफल रहे।’ उन्होंने कहा, ‘यह ऐसी यात्रा रही जिसका मैंने वास्तव में लुत्फ उठाया और जब मैं इस बारे में सोचता हूं तो मेरे चेहरे पर मुस्कान तैर जाती है। यह आसान रही हो या मुश्किल, मैंने इसका भरपूर आनंद लिया।’
कोहली के साथ अपने समीकरणों के बारे में पूछे गए सवालों पर धोनी ने कहा कि एक दूसरे का पूरा सम्मान करने वाले संबंध रहे। उन्होंने कहा, ‘हम एक दूसरे के काफी करीब है। विराट एक ऐसा खिलाड़ी है जो जब भी मौका मिले तब खुद में सुधार करना चाहता है। वह हमेशा अधिक से अधिक योगदान देना चाहता है। हम एक दूसरे से बहुत बातचीत करते हैं। मेरा काम जहां भी जरूरत हो उसकी मदद करना है और विकेटकीपर के रूप में उसे सलाह देनी है। अच्छी बात यह है कि अगर मैं उसके पास 100 विचार लेकर जाता हूं तो उनमें से सभी को मना कर सकता है।’ धोनी से पूछा गया कि क्या वह अपनी बल्लेबाजी पोजिशन बदलने पर विचार करेंगे, उन्होंने कहा, ‘जब मैं कप्तान था तो मैं थोड़ा नीचे आकर सारी अतिरिक्त जिम्मेदारी लेता था। मैं चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करना पसंद करूंगा लेकिन आखिर में किसी व्यक्ति की तुलना में टीम अधिक महत्वपूर्ण है। टीम जहां भी चाहेगी मैं वहा बल्लेबाजी के लिए तैयार हूं।’