रांची। राज्य के 67000 पारा शिक्षक 16 नवंबर से शैक्षणिक हड़ताल पर हैं। हड़ताली पारा शिक्षक छत्तीसगढ़ की तर्ज पर सेवा नियमित करने एवं वेतनमान निर्धारण की मांग कर रहे हैं। बुधवार को एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की बैठक डीएसपीएमयू के ग्राउंड में विनोद बिहारी महतो की अध्यक्षता में हुई, जिसमें 46 दिनों से चल रही पारा शिक्षकों की हड़ताल की समीक्षा की गयी। संघर्ष मोर्चा ने पूर्व घोषित कार्यक्रम पलामू में पांच जनवरी को पीएम का विरोध करने के निर्णय को वापस ले लिया है।
मुख्यमंत्री ने जमशेदपुर में कहा है कि सरकार पारा शिक्षकों की समस्याओं की समाधान की ओर बढ़ रही है, जिसका पारा शिक्षकों ने स्वागत किया। कहा कि पारा शिक्षक भी आंदोलन की जगह पढ़ाना चाहते हैं। पांच जनवरी तक पारा शिक्षकों की डिमांड पर कार्यवाही शुरू नहीं हुई, तो पारा शिक्षक उग्र आंदोलन का प्रारुप तैयार करेंगे। मोर्चा के बजरंग प्रसाद, संजय दुबे, हृषिकेश पाठक, मोहन मंडल ने एक स्वर से कहा कि डिमांड पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। बैठक में अर्जुन साय, प्रमोद कुमार, कृष्णा पासवान, मिथिलेश समेत अन्य थे।
पीएम के विरोध को लेकर हुई तीखी बहस
पलामू में पांच जनवरी को पीएम का विरोध के विरोध में नारेबाजी समेत विरोध में किसी भी तरह का कार्यक्रम किये जाने को लेकर पारा शिक्षक बैठक की शुरुआत में एकमत नहीं थे। संघर्ष मोर्चा के सदस्य मंडल के सदस्य बजरंग प्रसाद ने कहा कि मेरे विचार से पलामू में पीएम का विरोध उचित नहीं होगा। इतना कहते ही बैठक में शामिल कई शिक्षक विरोध करने लगे। तीखी बहस भी होने लगी। संजय दुबे ने मामले संभालते हुए कहा कि नेतृत्व पर शिक्षकों को विश्वास करना होगा। इसके बाद पारा शिक्षक शांत हो गये। पलामू में पीएम का विरोध नहीं करने पर सहमति दे दी।
चरमरायी राज्य की प्राथमिक शिक्षा
राज्य के पारा शिक्षक पिछले डेढ़ माह से लंबित डिमांड को लेकर हड़ताल पर हैं। इस कारण प्राथमिक शिक्षा चरमरा गयी हैं। प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई बाधित है। मोर्चा के संजय दुबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ की तर्ज पर पारा शिक्षकों की सेवा नियमित की जाये। साथ ही वेतनमान निर्धारण किया जाये। कहा कि पिछले 15 वर्ष से पारा शिक्षक राज्य में शिक्षा का ज्योत जला रहे हैं। इसके बाद भी शिक्षकों को दैनिक मजदूरों से कम वेतनमान मिल रहा है।
नियमावली बनाये सरकार
संघर्ष मोर्चा ने कहा कि पारा शिक्षकों के लिए नियमावली बनाने की मांग की है, ताकि डिमांड को पूरा में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो। मोर्चा के बजरंग प्रसाद ने कहा कि राज्य में सैकडों टेट पास पारा शिक्षक हैं। गैर पारा से अधिक अंक लाने के बाद भी सेवा नियमित नहीं हुई। राजभवन के समक्ष धरना पर बैठे। तब विभागीय सचिव ने बातचीत में टेटे पास पारा शिक्षकों को सेवा नियमित करने का आश्वासन दिया था। लेकिन आज तक इस दिशा में कार्रवाई नहीं हुई।