नई दिल्ली : पालतू कुत्ते पर पत्थर फेंकने से किसी शख्स को इतना गुस्सा आ सकता है कि उसने पत्थर मारने वाले को गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया। रविवार शाम से वेलकम इलाके की जनता कॉलोनी में यह बात चर्चा का विषय बनी हुई है। लोगों का कहना है कि एक पत्थर ने तीन बच्चों से उनके पिता का साथ छीन लिया। स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि जिस शख्स ने इस वारदात को अंजाम दिया वह आपराधिक प्रवृत्ति का है। कुत्ते को लेकर इससे पहले भी उसका कई लोगों से विवाद हो चुका है।
सोमवार को दोपहर बाद पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। परिवार के लोग अफाक का जनाजा निकालने की तैयारियों में व्यस्त थे। अफाक के छह, आठ और 10 साल के बच्चे अपनी मां के साथ शव के पास गुमसुम बैठे हुए थे। तीनों बच्चे अपनी मां से बार बार एक ही सवाल पूछ रहे थे कि अब्बा को क्या हुआ है? वह इस तरह से क्यों लेटे हुए है? उठकर हमसे बात क्यों नहीं करते? मासूम बच्चों के इन सवालों को सुनकर उनकी मां ने उन्हें गले लगा लिया और रोने लगी। उनके पास बैठी दूसरी महिलाओं ने किसी तरह से उन्हें संभाला।
अफाक के ससुर मोहम्मद शौकत ने बताया कि वह 66 फीट रोड पर चाय की दुकान चलाते हैं। उनकी एक ही बेटी है। बेटी की शादी अफाक से करने के बाद उनकी जिंदगी में जो बेटे की कमी थी वह भी दूर हो गई थी। अफाक सिलाई का काम करके अपने परिवार को पाल रहे थे, लेकिन पता नहीं उनके परिवार को किसकी नजर लग गई। उन्होंने बताया कि जिस समय यह घटना हुई वह अपनी दुकान पर मौजूद थे। उनके नाती ने उन्हें फोन करके बताया था कि किसी ने उसके अब्बा को गोली मार दी। जब तक वह घर पहुंचे तब तक अफाक को इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जाया जा चुका था।