लखनऊ. केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में वाम समर्थित 10 ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का मिला-जुला असर देखने को मिला। पश्चिम बंगाल के मालदा में पुलिस और हड़ताल समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। केरल के अलापुझा में हड़ताल कर रहे लोगों ने नोबेल पुरस्कार विजेता माइकल लेविट और उनकी पत्नी को लेकर जा रही हाउसबोट को रोक दिया। हालांकि बाद में उन्हें जाने दिया गया। देश के कई राज्यों में ट्रेड यूनियनों ने रैली और सभाएं कीं। पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा और लेफ्ट शासित केरल में बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ा। हालांकि दिल्ली समेत उत्तर भारत में हड़ताल का ज्यादा असर नहीं देखा गया।

श्रमिक संगठनों की तरफ बुधवार की हड़ताल में 25 करोड़ लोगों के शामिल होने का दावा किया गया था। हड़ताल को भारतीय व्यापार संघ, ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर, हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), स्व-रोजगार महिला संघ, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन शामिल हैं। इसके अलावा (एलपीएफ), यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (आईएनटीयूसी) और ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर ने समर्थन दिया।

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