भारतीय किसान यूनियन (मान) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद भूपिंदर सिंह मान (81) ने खुद को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नामित चार सदस्यीय समिति से अलग कर लिया है। मान को शामिल किए जाने पर किसानों संघों ने आपत्ती जताई थी और कहा था कि वह पहले ही कृषि कानूनों का समर्थन कर चुके हैं।

मान ने एक बयान जारी कर कहा, “मैं खुद को समिति से हटा रहा हूं और मैं हमेशा अपने किसानों और पंजाब के साथ खड़ा रहूंगा।”

अपने बयान में किसान नेता ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कानूनों पर किसान यूनियनों के साथ बातचीत शुरू करने के लिए बनी 4 सदस्य समिति में नामित किए जाने के लिए वह माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आभारी हैं। खुद एक किसान व यूनियन नेता होने के नाते व किसान यूनियन व आम जनता के बीच प्रचलित भावनाओं व आशंकाओं से वाकिफ हैं। इनके हितों से समझौता न हो इसके लिए वह किसी भी पद बलि देने के लिए तैयार हैं।

इससे पहले समिति गठन होने पर मान ने कहा था कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से आधिकारिक जानकारी मिलनी बाकी है कि वह एक समिति के सदस्य हैं। अगर उनका नाम समिति में शामिल होता है तो वह निष्पक्ष रहते हुए काम करेंगे।

पंजाब के बटाला जिले के निवासी मान 1990 से 1996 तक राज्यसभा के सांसद रहे हैं। नए खेत कानूनों पर चल रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा दी थी और सभी पक्षों को सुनने और जमीनी स्थिति को समझने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की थी।

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