गणतंत्र दिवस के मौके पर मंगलवार को राजधानी में हुई हिंसा को किसान नेताओं ने साजिश की संज्ञा दी है। उनका कहना है कि किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए प्लान बनाकर इस प्रकार का कृत्य किया गया।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्रैक्टर परेड के दौरान राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा के लिए केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि हिंसा केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की नाकामी है। किसानों को प्लान बनाकर चक्रव्यूह में फंसाया गया है। उन्होंने पूछा कि लाल किले पर झंडा फहराने वाला आदमी कौन था? एक कौम को बदनाम करने की साज़िश पिछले दो महीने से चल रही है। कुछ लोग को चिन्हित किया गया है उन्हें आज ही यहां से जाना होगा। जो आदमी हिंसा में पाया जाएगा उसे स्थान छोड़ना पड़ेगा और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को लेकर कहा कि किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। वहीं, उन्होंने कानूनों को लेकर सरकार के बातचीत करने पर किसान संगठन के भी तैयार होने की बात कही है।
वहीं, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता एसएस पंढेर ने कहा कि कुछ उपद्रवी लोगों ने किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की है। उनका कहना है कि लाल किले पर झंडा फहराना उनकी योजना का हिस्सा नहीं था। वैसे भी दीप सिद्धू की फोटो प्रधानमंत्री के साथ काफी वायरल हुई थी। तभी से हमने संदेह जताया था कि आंदोलन को बिगाड़ने की साजिश रची जा रही है।
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