देश आज अपने 72वें गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहा है. राजपथ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तिरंगा फहरा दिया है. उसके बाद परेड की शुरुआत हो गई है. सबसे पहले हेलिकॉप्टरों ने दर्शकों पर फूल बरसाए और उसके बाद पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति को सलामी दी.

राजपथ पर पहली बार बांग्लादेश की सशस्त्र सेनाओं के 122 सैनिकों का मार्चिंग दस्ते ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई. इस दस्ते का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल अबु मोहम्मद शाहनूर शावोन और उनके डिप्टी लेफ्टिनेंट फरहान इशराक और फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिबत रहमान ने किया. इस दस्ते में बांग्लादेश की थल सेना, नौसेना और वायुसेना के जवान शामिल रहे.

परमवीर चक्र विजेता और अशोक चक्र विजेताओं ने राजपथ पर परेड की. परमवीर चक्र दुश्मन के सामने बहादुरी और प्राणों का बलिदान करने वाले जवानों को दिया जाता है. अशोक चक्र वीरता और प्राणों का बलिदान के समान कृत्यों के लिए दिया जाता है. ऐसा दुश्मन के सामने नहीं भी करने वाले जवान को मिलता है.

सबसे पहले राजपथ पर युद्धक टैंक टी-90 (भीष्म) ने अपना जलवा बिखेरा. राजपथ पर उन्नत या अपग्रेडेड शिल्का हथियार प्रणाली की झांकी निकली. इसकी कमान 140 वायु रक्षा रेजिमेंट (सेल्फ प्रोपेल्ड) की कैप्टन प्रीति चौधरी ने संभाली. शिल्का हथियार प्रणाली आधुनिक रेडार और डिजिटल फायर कंप्यूटर से लैस है और लो लेवल एयर डिफेंस के लिए सभी हालातों में लक्ष्य को साधते हुए दुश्मन को तबाह करने में सक्षम है.

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