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    Home»Top Story»आंदोलनकारियों के उपद्रव पर किसान नेताओं ने झाड़ा पल्ला
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    आंदोलनकारियों के उपद्रव पर किसान नेताओं ने झाड़ा पल्ला

    sonu kumarBy sonu kumarJanuary 26, 2021No Comments3 Mins Read
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    गणतंत्र दिवस पर सेना की परेड़ के समानांतर ट्रैक्टर परेड निकालने और उस दौरान उपद्रव की आशंका आखिरकार सच साबित हुई। किसान नेताओं ने जिन रूटों से ट्रैक्टर रैली निकालने पर प्रशासन के सामने सहमति जताई थी, उसके विपरीत आंदालनकारियों ने सारी मर्यादाएं भंग कर दीं और लालकिले पर चढ़कर वहां फहरा रहा तिरंगा उतारकर अपने अपने संगठनों के झंडे फहरा कर राष्ट्रीय पर्व को शर्म में बदल दिया। इस सारे प्रकरण पर किसान नेताओं से अब चुप्पी साध ली है।

    केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ दो महीने से दिल्ली के तीन बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को गणतंत्र दिवस की परेड सम्पन्न हो जाने के बाद सीमित संख्या में ट्रैक्टर रैली निकालने की इजाजत दी गई थी। इसके लिए किसान नेताओं ने बाकायदा लिखित आश्वासन दिया था और दिल्ली के आउटर रिंग रोड के बाहर से एक रूट तय किया गया था। एक ट्रैक्टर पर केवल ड्राइवर सहित 5 लोगों को बैठने की इजाजत थी। रैली को दिल्ली में प्रवेश नहीं करना था पर मंगलवार की सुबह तय सीमा से पहले ही सारे नियम कानून और  वादों को धता बताते हुए दिल्ली की सीमा में प्रवेश करने लगे। इसके चलते गाजीपुर सीमा, सिंधु बार्डर और टिकरी बार्डर पर आंदोलनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच काफी संघर्ष हुआ। दिल्ली पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने आसू गैस और लाठीचार्ज से रोकने की कोशिश की पर उग्र हो गए आंदोलनकारियों ने सारे बैरिकेट तोड़ दिए और दिल्ली के सबसे पहुंच चौराहे आईटीओ तक पहुंच गए। उनका इरादा  वहां इंडिया गेट तक जाना था। पर काफी झड़प के बाद आखिरकार सुरक्षा बल उन्हें लालकिले की तरफ मोड़ने में कामयाब रहे। आंदोलकारियों का इरादा पहले से ही लालकिले पर अपना झंडा फहराना था। उसमें कामयाब रहे। इस सबके बावजूद सारे किसान नेता गायब हैं।

    प्रदर्शनकारियों के हंगामे और बवाल के दौरान पुलिस के साथ झड़प के मामले पर किसान नेताओं ने सीधे-सीधे पल्ला झाड़ लिया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने हंगामे को लेकर कोई जानकारी नहीं होने की बात कही है। उनका कहना है कि यह बवाल उनके संगठन के किसानों ने नहीं किया है। उनका कहना है कि कुछ राजनीतिक दल के लोग आंदोलन में घुस आए थे, यह उनका काम है। हम उनकी पहचान कर रहे हैं।

    वहीं, योगेंद्र यादव ने भी कहा है कि सिंधु बॉर्डर पर उऩके संगठऩ के लोग हंगामा नहीं कर रहे थे। उऩका संगठन शांतिपूर्वक प्रदर्शन का पक्षधर है। योगेंद्र ने हंगामा करने वाले किसानों से पुलिस द्वारा तय रूट पर ही रैली निकालने की बात कही है। वहीं, लाल किले पर प्रदर्शन को लेकर उन्होंने कहा कि यह निस्संदेह निंदनीय है और शर्मिंदगी का विषय है। किसान नेताओं और आंदोलन में शामिल लोगों से अपील है कि वो पुलिस के दिए रूट को ही मानें।

    भारतीय किसान यूनियन (जालंधर) के अध्यक्ष अमरीक सिंह ने दिल्ली में हुए हंगामे को लेकर किसानों से अपील की है कि वे निर्धारित रूट पर ही जाएं। उऩ्होंने कहा, ‘मैं हाथ जोड़ कर निवेदन करता हूं किसान भाई बवाल न करें। अनुशासन बनाए रखें। सरकार की तरफ से हमें रूट मिला है, उसी को फॉलो करें।’

    पुलिस से साथ झड़प और हंगामे की घटना से खुद को अलग करते हुए अमरीक सिंह ने कहा कि कुछ शरारती तत्व आंदोलन को खराब करना चाहते हैं। लोगों को बरगलाया गया है, उनकी मंशा शांति भंग करने की है। उन्होंने कहा कि संयुक्त मोर्चा का स्पष्ट निर्देश था कि किसान तय रूट पर ही जाएंगे। जो लोग गलत रूट पर हैं उनसे जल्द वापसी की उम्मीद है।

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    sonu kumar

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