जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया है कि प्रदेश में कांग्रेस एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है। कांग्रेस का मिशन 156 लागू होगा। इस बार न तो पब्लिक में सरकार विरोधी नाराजगी, न कर्मचारियों में नाराजगी और न मोदी की हवा है। मैं उम्मीद करता हूं कि इस बार पब्लिक मेरा साथ देगी।

मुख्यमंत्री गहलोत गुरुवार को जयपुर के एसएमएस स्टेडियम में राज्यस्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पता नहीं मेरी अंतर्आत्मा क्यों कहती है कि विपक्ष चाहे हमारी कितनी भी कमियां बताए, जनता उनको स्वीकार करने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि चाहे मोदी यहां पड़ाव डाल लें। अभी से मुझे लग रहा है क्योंकि नड्डा साहब आ रहे हैं। अभी और जो माहौल बन रहा है कि आरएसएस के मोहन भागवत भी यहां आए। राजस्थान को टार्गेट बनाया हुआ है। कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश को उन्होंने नहीं छोड़ा। गोवा हो या छोटे-मोटे राज्यों में भी हॉर्स ट्रेडिंग की, गुजरात के अंदर भी की, इन्होंने हॉर्स ट्रेडिंग की मास्टरी की हुई है। सरकारें गिरा देते हैं ये, यहां इनकी पोल-पट्टी चल नहीं पाई।

मुख्यमंत्री गहलोत ने इशारों में सचिन पायलट को जवाब देते हुए कहा है कि वर्ष 1998 में हमारी 156 सीट आई थी, उस समय मैं प्रदेशाध्यक्ष था। अब फिर हमें मिशन-156 पर काम करना है और उतनी ही सीटें वापस लानी है। मैं बिना सोचे समझे कोई बात नहीं बोलता हूं, मुझे गॉड गिफ्ट है, दिल की बात बोलता हूं। गहलोत ने कहा कि वर्ष 2013 में मोदी की हवा बन गई थी, जिसकी वजह से हम 21 सीटों पर आ गए। हमारी सरकार के पुराने कामों के आधार पर ही वापस कांग्रेस सरकार बनी। यह मैं दावे से कह सकता हूं कि हमारी सरकार जाने के छह महीने बाद ही लोग याद करने लग जाते हैं कि गलती हो गई, पुरानी सरकार ही अच्छी थी।

भाजपा के राइट टू हेल्थ बिल पर विरोध पर गहलोत ने कहा कि वह प्राइवेट सेक्टर को खुश करने के लिए कर रही होगी, पर हम खुद भी चाहेंगे कि प्राइवेट सेक्टर को भी विश्वास में लें क्योंकि अल्टीमेटली तो पब्लिक सेक्टर और प्राइवेट सेक्टर मिलकर ही सेवा के संकल्प को पूरा कर सकते हैं।

चौबीस घंटे राजनीति करने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि कई लोग राजनीति 24 गुणा 7 ही करते हैं और मैं भी उनमें से एक हूं। इसमें तो कोई दो राय नहीं क्योंकि राजनीति या कोई भी काम करो दिल लगाकर करना चाहिए, जब तक आप पागलपन की हद तक की राजनीति नहीं करो, पागलपन की हद तक अपना काम-धंधा नहीं करो, पागलपन की हद तक आप व्यापार नहीं करो या उद्यम नहीं करो या पागलपन तक आप पत्रकारिता नहीं करो तब तक कामयाब नहीं हो सकते हो, तो इसलिए उसके लिए पागल बनना पड़ता है।

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