आज 16 जनवरी को रांची में कोयला मंत्रालय वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी एवं कोयला क्षेत्र में अवसरों से संबंधित रोड शो (Road Show on Commercial Coal Mine Auctions Opportunities in Coal Sector) का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सचिव (कोयला), श्री अमृत लाल मीणा वर्चुअल माध्यम से जूड़े रहे। कार्यक्रम में अपर सचिव, कोयला मंत्रालय, भारत सरकार, श्री एम नागराजू, कोल इंडिया अध्यक्ष, श्री पी.एम. प्रसाद, खान (सचिव), झारखण्ड सरकार, श्री अब्बूबक्कर सिद्दकी, उद्योग सचिव, झारखंड सरकार, श्री जितेन्द्र कुमार सिंह, निदेशक, माइंस भू-गर्भ विभाग, झारखंड सरकार, श्री अरवा राजकमल, डॉ. ए.ए. चौहान सहित सीएमडी, सीसीएल, डॉ. बी. वीरा रेड्डी, सीएमडी, सीएमपीडीआई, श्री मनोज कुमार, निदेशक तकनीकी (संचालन), सीसीएल, श्री आर.बी. प्रसाद, निदेशक (कार्मिक), सीसीएल, श्री हर्ष नाथ मिश्र, निदेशक तकनीकी (योजना व परियोजना), सीसीएल, श्री बी. साईराम, निदेशक (वित्त), सीसीएल, पवन कुमार मिश्रा, सीवीओ, सीसीएल, पंकज कुमार एवं अन्य गणमान्य अतिथिगण उपस्थित थे।
सचिव (कोयला), श्री अमृत लाल मीणा ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुये कहा कि पिछले तीन वर्षा में कर्मिश्याल माईनिंग के क्षेत्र में क्रांति आ गयी है और यह पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य किया जा रहा है और इसका परिणाम आने लगे हैं। उन्होंने कहा कि देश की उर्जा आवश्कयता को पूरा करने में झारखंड राज्य का महत्वपूर्ण योगदान है। हमें राज्य सरकार की ओर से जमीन की उपलब्धता एवं अन्य जरूरी सहयोग मिल रहा है, हम उनके अभारी हैं। आने वाले समय में कोयले से मिलने वाली राजस्व में निरंतर वृद्वि हो रही है। श्री मीणा निवेशधारकों (बिडर्स) को संबोधित करते हुये कहा कि कोयले में निवेश से उन्हें दीर्घकालीन वापसी है और इसका भविष्य काफी उज्जवल है। उन्होंने आज के समय में पावर सेक्टरों को समूचित कोयल उपलब्ध कराया जा रहा है।
अपर सचिव, कोयला मंत्रालय, भारत सरकार, श्री एम नागराजू ने कहा कि उपरोक्त से संबंधित राज्य सरकार के साथ प्रत्येक महिना मिटिंग करने की आवश्यकता है। उन्होंने आयोजकगण को सफल आयोजन के लिए बधाई देते हुये कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से सभी के बीच नई-नई तकनीकी जानकारी मिलती है और इसका लाभ समजा के अंतिम व्यक्ति तक मिलेगा।
कोल इंडिया अध्यक्ष, श्री पी.एम. प्रसाद ने कहा कि झाारखंड में कोयले की अपार संभावनाएं हैं। देश में उर्जा आवश्कतो देखते हुये कर्मिशयल मांनिंग आवश्यक है। देश के जीडीपी में कोयले का महत्वपूर्ण योगदान है। और आज के कार्यक्रम रोड शो से तकनीकी एवं अद्यतन जानकारी प्राप्त होगा।
सीएमडी डा. बी. वीरा रेड्डी ने उपस्थित सभी का स्वागत किया और उन्होंने झारखण्ड में कमर्शियल माईनिंग की वस्तुस्थिति के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि सस्टेनेबल माइनिंग के माध्यम से गुणवर्तापूर्ण कोयले का उत्पादन बढ़ाना है।
झारखण्ड सरकार, श्री अब्बूबक्कर सिद्दकी ने कहा कि झारखण्ड राज्य की कोयले की अपार भंडार है और राज्य के बहुत से कोयला खदानों को ऑक्सन किया जा रहा है। राज्य की राजस्व का मुख्य स्रोत कोयला खदान है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुये कहा कि झारखण्ड सरकार हर समय आपके साथ है। झारखण्ड में रोड शो होना हम सभी के लिए गर्व की बात है और इससे सभी लाभान्वित होंगे।
अवसर विशेष पर उपस्थित प्रतिभागियों ने सुझाव के साथ-साथ प्रशन भी किये जिसका संतोषजनक उत्तर दिया गया।
धन्यवाद ज्ञापन सीएमपीडीआई के सीएमडी श्री मनोज कुमार ने किया।
ज्ञातव्य हो कि कोयला मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली ने वाणिज्यिक नीलामी के 8वें दौर के अंतर्गत 39 कोयला खदानों और वाणिज्यिक नीलामी के 9वें दौर के अंतर्गत 31 कोयला खदानों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की है। ये 70 कोयला खदानें कोयला भंडार वाले राज्यों बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल से हैं। कुल 70 कोयला खदानों में से 27 पूरी तरह से खोजी हुई हैं और 43 आंशिक रूप से खोजी गई हैं। इसके अलावा, सात कोकिंग कोयला खदानें और शेष गैर-कोकिंग कोयला खदानें हैं। विस्तृत विचार-विमर्श के बाद इन खदानों को अंतिम रूप दिया गया है और संरक्षित क्षेत्रों, वन्यजीव अभयारण्यों, महत्वपूर्ण आवासों, 40 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र, भारी निर्मित क्षेत्र आदि के अंतर्गत आने वाली खदानों को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया है। कुछ कोयला खदानों की ब्लॉक सीमाएं जहां घनी आबादी, उच्च हरित आवरण या महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे आदि की उपस्थिति थी, को इन कोयला ब्लॉकों में बोलीदाताओं की रुचि और भागीदारी को बढ़ाने के लिए हितधारक परामर्श के दौरान प्राप्त टिप्पणियों के आधार पर संशोधित किया गया है।
नीलामी प्रक्रिया की मुख्य विशेषताओं में अग्रिम राशि और बोली सुरक्षा राशि में कमी किए जाने के साथ ही आंशिक रूप से खोजी गई कोयला खदानों के मामले में कोयला खदान का कुछ हिस्सा छोड़ने की अनुमति प्रदान करना शामिल है। भूमिगत कोयला खदानों की प्रदर्शन सुरक्षा में छूट, बिना किसी प्रवेश बाधा के भागीदारी में आसानी, कोयला उपयोग में पूर्ण लचीलापन, अनुकूलित भुगतान संरचनाएं, शीघ्र उत्पादन के लिए प्रोत्साहन और स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी के उपयोग पर इस ऑन-लाइन वाणिज्यिक नीलामी के अन्य महत्वपूर्ण आकर्षण हैं।
वाणिज्यिक कोयला खदान की नीलामी के 8वें दौर के लिए निविदा दस्तावेज़ की बिक्री 15 नवंबर, 2023 को और 9वें दौर की नीलामी के लिए 20 दिसंबर, 2023 को शुरू हुई थी। खानों का विवरण, नीलामी की शर्तें, समय-सीमा आदि को इस्पात मंत्रालय के मिनी-नवरत्न लोक उपक्रम एमएसटीसी लिमिटेड के नीलामी मंच पर प्राप्त किया जा सकता है। नीलामी प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर पारदर्शी दो चरणीय प्रक्रिया के माध्यम से ऑनलाइन आयोजित की जाएगी।
वाणिज्यिक कोयला खदान की नीलामी के लिए कोयला मंत्रालय का एकमात्र लेनदेन सलाहकार एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड, नीलामी के संचालन में मंत्रालय की सहायता कर रहा है