बरवाडीह (लातेहार)। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के प्रमंडलीय कार्यालय, पलामू ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बरवाडीह में कार्यरत राजस्व उप निरीक्षक सह प्रभारी अंचल निरीक्षक सुरेश राम को 20,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
एसपी के निर्देश पर टीम का गठन
शिकायत मिलने के बाद एसीबी पलामू के एसपी अंजनी अंजन के निर्देश पर निगरानी की एक टीम का गठन किया गया। टीम ने मामले की गहन छानबीन की और जब शिकायत सही पाई गई, तो आरोपी सुरेश राम को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई। गुरुवार को एसीबी टीम ने महिला को केमिकल लगे पैसे देकर सुरेश राम के पास भेजा। जैसे ही सुरेश राम ने पैसे हाथ में लिए, एसीबी की टीम ने उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
रिश्वत की मांग और कार्रवाई:
वादिनी ने बताया कि वर्ष 2024 में खरीदी गई 30 डिसमिल जमीन के मोटेशन के लिए सुरेश राम ने एक लाख रुपये रिश्वत मांगी थी। वादिनी ने इतनी बड़ी राशि देने में असमर्थता जताई, तो सुरेश राम ने इसे दो किस्तों में देने का सुझाव दिया और तत्काल 20,000 रुपये लाने को कहा। वादिनी ने रिश्वत की मांग को अस्वीकार करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई।
गिरफ्तारी की प्रक्रिया:
शिकायत की सत्यता की जांच एसीबी पलामू के पुलिस उपाधीक्षक ने की। जांच सही पाए जाने पर 22 जनवरी 2025 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 2018 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। 23 जनवरी 2025 को एसीबी की टीम ने दंडाधिकारी और स्वतंत्र साक्षी की मौजूदगी में सुरेश राम को वादिनी से 20,000 रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
एसपी की चेतावनी:
एसीबी के एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि आरोपी सुरेश राम द्वारा एक महिला को जमीन के काम के बदले लगातार परेशान किया जा रहा था और रिश्वत मांगी जा रही थी। उन्होंने कहा कि एसीबी की टीम रिश्वतखोरों पर कड़ी नजर रख रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रिश्वतखोरों पर सख्त रुख:
एसपी अंजनी अंजन ने जनता से अपील की है कि यदि कोई रिश्वत मांगे तो इसकी सूचना तुरंत निगरानी टीम को दें। उन्होंने कहा, “रिश्वतखोरों को किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा। जनता को परेशान करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
स्थानांतरण का विवरण:
सुरेश राम बरवाडीह में पदस्थापित थे, लेकिन उनका स्थानांतरण महुआडांड कर दिया गया था। 22 जनवरी 2025 को बरवाडीह के सीओ मनोज कुमार ने उन्हें रिलीव किया था, और 23 जनवरी को उन्हें महुआडांड अंचल कार्यालय में योगदान करना था।
यह गिरफ्तारी एसीबी की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है और रिश्वत के खिलाफ कड़े कदम उठाने के प्रति प्रतिबद्धता का उदाहरण है।