नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार को कहा कि लोकतंत्र में पूर्ण आस्था के साथ-साथ मतदाताओं को यह दृढ़ संकल्प भी रखना चाहिए कि वे सभी प्रकार की संकीर्णता, भेदभाव और प्रलोभन से ऊपर उठकर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रबुद्ध मतदाता हमारे लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं। राष्ट्रपति नई दिल्ली में 15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह को संबोधित कर रही थीं।
राष्ट्रपति मुर्मु ने चुनावों के सुचारु संचालन को सुनिश्चित करने में अनुकरणीय प्रदर्शन करने वाले राज्य और जिला अधिकारियों को सर्वश्रेष्ठ चुनावी व्यवहार पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने युवाओं को मतदाता फोटो पहचान पत्र भी दिए। राष्ट्रपति ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से “इंडिया वोट्स 2024: ए सागा ऑफ डेमोक्रेसी” पुस्तक की पहली प्रति भी प्राप्त की।
इस मौके पर राष्ट्रपति ने 15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर देश के 100 करोड़ मतदाताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने हमारे लोकतंत्रात्मक गणराज्य की सेवा के 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस दौरान आयोग ने 18 लोकसभा चुनाव एवं 400 से अधिक विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न कराए हैं। उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि हमारा लोकतंत्र न केवल विश्व का सबसे पुराना लोकतंत्र है, बल्कि यह दुनिया का सबसे विशाल, विविधतापूर्ण, युवा, समावेशी और संवेदनशील लोकतंत्र भी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का लोकतंत्र आधुनिक दुनिया के लिए एक अनूठा उदाहरण है। दुनिया के कई देश हमारी चुनाव प्रणाली और प्रबंधन से सीख ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में देशभर में 10 लाख से अधिक मतदान केंद्रों पर सुरक्षाकर्मियों, पोलिंग अधिकारी तथा कर्मचारियों सहित लगभग डेढ़ करोड़ लोगों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इस चुनाव में लगभग 65 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। इस संख्या की विशालता का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि यूरोपियन यूनियन के 27 देशों की कुल आबादी लगभग 44 करोड़ है। उन्होंने पिछले तीन लोकसभा चुनावों में लगातार 66 प्रतिशत से अधिक मतदान के लिए चुनाव आयोग और मतदाताओं को बधाई दी।
राष्ट्रपति ने कहा कि चुनावों में हमारे समावेशी लोकतंत्र की प्रभावशाली झलक देखने को मिलती है। चुनावों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी हमारे समाज और देश के समग्र विकास का एक महत्वपूर्ण संकेत है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ मतदाताओं, दिव्यांग मतदाताओं और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले जनजातीय मतदाताओं के लिए मतदान प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह चुनाव आयोग ने समावेशी और संवेदनशील चुनाव प्रबंधन का एक अच्छा उदाहरण पेश किया है। उन्होंने कहा कि मतदान से जुड़े आदर्श और दायित्व हमारे लोकतंत्र के मुख्य आयाम हैं। चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता शपथ से सभी नागरिकों का मार्गदर्शन हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि 2011 से, भारत के चुनाव आयोग के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 25 जनवरी को हर साल राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य मतदाता की केंद्रीयता को रेखांकित करना, नागरिकों में चुनावी जागरूकता बढ़ाना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी को प्रेरित करना है।