रांची: चाईबासा के छोटानागरा थाना में पुलिस और उग्रवादियों में हुई मुठभेड़ में निर्दोष एतवा मुंडा मारा गया था। यह सीआइडी जांच की रिपोर्ट में खुलासा हुआ। सीआइडी ने रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिल्ली को भेज दी है। जांच रिपोर्ट में एतवा का कोई आपराधिक इतिहास नहीं पाया गया। जांच में माओवादियों से उसके संबंध के बारे में भी जानकारी नहीं मिली। जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि सोमा गुड़िया जिसका सत्यापन एतवा मुंडा उर्फ लालो के रूप में हुआ था, वह उड़ीसा का रहनेवाला था। उसके खिलाफ कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं पाया गया है। उसके माओवादियों की टीम में शामिल होने के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है। मृतक के परिजनों को समीक्षा के बाद मुआवजा भी दिया जा सकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 11 अगस्त 2011 से 20 अगस्त 2011 तक भाकपा माओवादी के उग्रवादियों के खिलाफ आॅपरेशन एनाकोंडा 3 चलाया गया था, जिसमें कोबरा, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, झारखंड जगुआर एवं जिला पुलिस बल के जवान शामिल थे।
भागने के दौरान पुलिस ने मारी थी गोली, झाड़ियों में मिला था शव
20 अगस्त 2011 को सुबह 5 बजे जब आॅपरेशन पर निकले जवान चाईबासा छोटनागरा थाना के बलिवा गांव के समीप से गुजर रहे थे, इसी दौरान जंगल में एक संदिग्ध व्यक्ति मिला। टीम के पूछने पर उसने अपना नाम सोमा गुड़िया बताया। टीम ने पूछताछ की तो उसने भाकपा माओवादी के कैंप के बारे में बताया था। इस संदिग्ध व्यक्ति को लेकर जब उसके बताये गये स्थान पर आॅपरेशन एनाकोंडा की टीम आगे बढ़ रही थी, इसी बीच सोमा गुड़िया तेजी से भागने लगा। इस दौरान अचानक दोनों ओर से पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग होने लगी। इस फायरिंग में एक गोली पुलिस दिलीप महतो के रायफल के बट में लगी। पुलिस द्वारा भी आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग की गयी। मुठभेड़ बंद होने के बाद सर्च आॅपरेशन के दौरान उग्रवादियों के प्रशिक्षण शिविर से जेनरेटर, बैट्री, विस्फोटक और अन्य सामान बरामद किये गये। साथ ही पास की झाड़ियों से सोमा गुड़िया का शव मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक की मौत गोली लगने से हुई थी।
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