नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को मंदबुद्धि महिलाओं और बच्चों के लिए बने विकास गृह आशाकिरण होम की दयनीय दशा पर हैरानी जताई और मुख्य सचिव को यहां रहनेवाली 11 महिलाओं की मौत की जांच करने के आदेश दिए। केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव एम.एम. कुट्टी को लिखे एक आधिकारिक पत्र में 13 फरवरी तक रपट पेश करने और एक सप्ताह के भीतर स्थिति में सुधार सुनिश्चित करने के आदेश दिए।
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने रविवार को आशाकिरण होम का औचक दौरा किया और वहां की दयनीय दशा देखी, जिसके कारण पिछले दो महीनों में यहां रहने वाली 11 महिलाओं की मौत हो चुकी है।
मालीवाल ने औचक निरीक्षण के दौरान वहां एक-एक बिस्तर पर चार-चार मरीजों को देखा, नहाने के लिए लाइन में लगते समय उन्हें खुले में कपड़े उतारते, गलियारों में महिलाओं को नग्नावस्था में चलते और पुरुष कर्मचारियों द्वारा सीसीटीवी कैमरों की निगरानी करते देखा।
मालीवाल ने वहां कमरों में दरुगध, गंदे शौचालय और गलियारे देखे। केजरीवाल ने लिखा है कि वह इन खबरों से ‘बेहद परेशान हैं।’
उन्होंने आदेश दिया, “मुख्य सचिव को खुद सुनिश्चित करना चाहिए कि ये सभी अनियमितताएं एक सप्ताह में दूर हों।”
उन्होंने कुट्टी को सोमवार शाम तक इस बात की भी रपट देने को कहा कि समाज कल्याण और महिला एवं बाल विकास विभागों की सचिव दिलराज कौर ने इससे पहले आशा किरण होम और मानिसक रूप से विक्षिप्तों के लिए बने दो अन्य विकास गृहों का कितनी बार दौरा किया है।
केजरीवाल ने साथ ही पूछा, “किसी भी मौत का मामला उनके सामने लाए जाने पर उन्होंने क्या कदम उठाए? इन गंभीर अनियमितताओं को रोकने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए?”