दिल्ली विश्वविद्यालय में चल रहे विवाद से सुर्खियां बटोर रही गुरमेहर कौर के पिता कारगिल युद्ध के शहीद नहीं थे, बल्कि वह कश्मीर में आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे।
गुरमेहर द्वारा जारी प्ले कार्ड्स विडियो में दावा किया गया था कि उनके पिता ने कारगिल युद्ध के दौरान अपनी जान गंवाई थी।
ऐसे शहीद हुए थे कैप्टन मनदीप
इस रिपोर्ट में भारतीय सेना द्वारा जारी दस्तावेजों के हवाले से बताया गया है कि कैप्टन मनदीप सिंह वर्ष 1999 में राष्ट्रीय राइफल्स के सेक्टर 7 के तहत तैनात थे।
वह रक्षक नाम के आतंकरोधी टीम का हिस्सा थे। राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप पर वर्ष 1999 में आतंकवादी हमले के दौरान मनदीप सिंह शहीद हुए थे। इस हमले में 6 अन्य जवानों ने भी अपनी शहादत दी थी।
पिछले साल गुरमेहर ने दावा किया था कि उनके पिता कारगिल में हुए युद्ध के दौरान शहीद हुए थे। गुरमेहर ने पाकिस्तान के साथ शांति को लेकर सोशल मीडिया पर एक कैम्पेन चलाया गया था। इसमें उन्होंने प्ले कार्ड्स दिखाते हुए कहा था कि उनके पिता को पाकिस्तान ने नहीं बल्कि युद्ध ने मारा। इस दौरान उन्होंने एक प्ले कार्ड दिखाया था, जिसमें कहा था कि उनके पिता करगिल में जंग के दौरान शहीद हुए थे।
कारगिल युद्ध 3 मई 1999 को शुरू हुआ था। यह जंग 25 जुलाई 1999 तक चली थी। जबकि, आतंकी हमला 6 अगस्त 1999 को हुआ था।
यह साफ हो गया है कि गुरमेहर कौर के पिता अपने देश की रक्षा करते हुए एक नायक की तरह शहीद हुए, लेकिन यह कारगिल का युद्ध नहीं था। इस तरह यह भी साफ हो गया है कि गुरमेहर कौर देश की रक्षा करते हुए शहीद होने वाले नायक की बेटी हैं, लेकिन कारगिल युद्ध में शहादत देने वाले की शहीद की बेटी नहीं हैं, जैसा कि मीडिया में दावा किया जा रहा था, या वह खुद दावा कर रहीं थीं।