नयी दिल्ली : 1984 में हुए सिख विरोधी दंगा मामले में सीबीआई ने जगदीश टाइटलर के खिलाफ लाइ डिटेक्टर टेस्ट की अनुमति मांगी है. टाइटलर पर आरोप है कि 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उन्होंने दिल्ली के वजीरपुर इलाके में दंगाइयों को भड़काया और हिंसा में भी शामिल हुए थे.
हालांकि उन्हें सीबीआई की ओर से क्लीन चिट मिल चुकी थी, लेकिन दंगा पीड़ितों ने टाइटलर को क्लीन चिट दिये जाने के मामले में याचिका दायर की थी. उनका कहना था कि टाइटलर के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने के बावजूद उन्हें सीबीआइ बचा रही है. शिकायतकर्ता लखविंदर कौर ने सीबीआइ क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी थी.
कोर्ट ने सीबीआई के क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए टाइटलर के खिलाफ फिर से जांच करने का आदेश सुनाया था. इसके बाद उनके खिलाफ फिर से जांच चल रही है और इसी क्रम में सीबीआई ने लाइ डिटेक्टर टेस्ट की मांग की है.
टाइटलर अपने को इस दंगा मामले से हमेशा अलग करते आये हैं और उन्हें हमेशा यही बयान दिया है कि उनका सिख दंगे से कोई लेना -देना नहीं है और ना ही वे इसमें शामिल थे. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने भी उन्हें क्लीनचिट दे दी है. बावजूद इसके उनका नाम सिख दंगे में घसीटा जाता है.