पाकिस्तान का कुल सार्वजनिक ऋण 18 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये के पार पहुंच गया है और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के कार्यकाल में इसमें 35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। देश की 19.28 करोड़ की आबादी के हिसाब से प्रत्येक नागरिक पर 94 हजार 727 रुपये का कर्ज है।
वित्त मंत्रालय ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए नेशनल असेंबली में शुक्रवार को यह जानकारी दी थी। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, 30 सितंबर 2016 तक देश का कर्ज 18 लाख करोड़ 27 अरब के पार पहुंच गया है। वर्ष 2012-13 में यह ऋण 13 लाख करोड़ 48 अरब रुपये था। कुल सार्वजनिक ऋण में सबसे बड़ी बढ़ोतरी घरेलू ऋण में 40 फीसदी हुई है, जो 2013 में 8 लाख करोड़ 68 अरब था।
जबकि इसी दौरान विदेशी ऋण में 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह चार लाख करोड़ 79 अरब से अधिक हो गया है।
पाकिस्तान के कर्ज में यह बढ़ोतरी ऐसे वक्त हुई है, जब उसने 55 अरब डॉलर के आर्थिक गलियारे के लिए चीन से भारी कर्ज लिया है। चीनी कंपनियों ने भी पाकिस्तान के स्टॉक एक्सचेंज में भी 40 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। विपक्ष पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था में चीन के लगातार बढ़ते दबदबे को लेकर आशंका जाहिर कर रहा है। विपक्षी सांसदों ने कहा है कि देश एक बार फिर ईस्ट इंडिया कंपनी के युग में पहुंचता जा रहा है।
वित्त मंत्री इशाक डार ने विपक्ष की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि विकासशील देशों को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए घरेलू और बाहरी ऋण लेने की जरूरत पड़ती है। देश की आबादी और बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इसे रोका नहीं जा सकता। हालांकि कच्चे तेल,यूरिया के आयात और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए कर्ज लेने के सवालों का वह कोई जवाब नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक विकास दर 4.7 प्रतिशत पहुंच गई है।
भारत में हर व्यक्ति पर 40 हजार रुपये का कर्ज
भारत में मार्च 2016 में कुल सार्वजनिक कर्ज 55.73 लाख करोड़ रुपये था और देश की आबादी 1 अरब 32 करोड़ 68 लाख के करीब थी। इस लिहाज से हर भारतीय पर करीब 40 हजार रुपये का कर्ज है।