ह्यूस्टन: टेक्सास के विश्वविद्यालयों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादस्पद आव्रजन प्रतिबंध से प्रभावित सात मुस्लिम बहुल देशों से ताल्लुक रखने वाले अपने स्टाफ और छात्रों से कहा है कि वह विदेश यात्रा करने से बचें। ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में अभी प्रभावित देशों के 280 छात्र हैं और इतनी ही संख्या फैकल्टी और स्टाफ की है। ह्यूस्टन विश्वविद्यालय की अध्यक्ष एवं चांसलर रेणु खटोर ने कहा, हर वह शख्स जो प्रभावित हो सकता है, उसे अंतरराष्ट्रीय यात्रा से परहेज करना चाहिए।
भारतीय मूल की अमेरिकी शिक्षाविद् रेणु ने स्टाफ और छात्रों को भेजे एक ईमेल संदेश में कहा, शिक्षा की शक्ति में विश्वास रखने वाले एक विविधतापूर्ण एवं समावेशी समुदाय के रूप में ह्यूस्टन विश्वविद्यालय तमाम देशों, नस्लों, धर्मों और पृष्ठभूमियों के अपने छात्रों, फैकल्टी और स्टाफ के साथ खड़ा है।
हम अपने परिसर समुदाय के सदस्यों की बेचैनी समझते हैं जो इससे प्रभावित हो सकते हैं और उन्हें समर्थन की पेशकश करते हैं।
विश्वविद्यालय के अनुसार सोमवार तक कम से कम एक छात्र अमेरिका के बाहर था और लौटने में असमर्थ था। टेक्सास विश्वविद्यालय ने भी अपनी आव्रजक फैकल्टी और छात्रों को इसी तरह की सलाह दी है। टेक्सास एएंडएम युनिवर्सिटी के अध्यक्ष माइकल यंग ने कहा कि जब तक उनका प्रोग्राम पूरा नहीं हो जाता, ट्रंप के आदेश से प्रभावित सात देशों के छात्रों को अमेरिका में ही रहना चाहिए।