नई दिल्ली: केंद्र की सत्ता पर काबिज मोदी सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज बुधवार को साल 2017-18 के लिए बजट पेश किया है। बजट पेश करते हुए जेटली ने कई बड़े ऐलान किए। इसके बाद पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए बजट पर अपनी राय स्पष्ट किया।
आपको बता दें कि नोटबंदी के बाद परेशान जनता को बजट से राहत की उम्मीद थी, और इस क्रम में सरकार ने थोड़ी बहुत राहत जरूर दी है, जैसे की 2.5 लाख से 5 लाख की आमदानी वाले लोगों के अब 10 % के बजाय 5 % ही टैक्स देना होगा।
गौर हो कि नोटबंदी के बाद सरकार कैश ट्रांजेक्शन के बजाय डिजिटल ट्रांजेक्शन पर जोर दे रही है, ताकि काले धन पर नकल कसा जा सके।
इस बात को ध्यान को ऱखते हुए वित्त मंत्री बजट में ऐलान किया कि 3 लाख से ज्यादा का ट्रांजेक्शन अब कैश में नहीं किया जा सकता है। इससे ज्यादा के लेनदेन के लिए आप को डिजिटल ट्रांजेक्शन का तरीका ही अपनाना होगा।
बता दें कि जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार ने यह फैसाल एसआईटी की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है। खबरों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित न्यायमूर्ति एम बी शाह (R) की अगुवाई वाली एसआईटी ने कालेधन पर नकेल कसने से संबंधित अपनी पांचवी रिपोर्ट जुलाई में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी, जिसमें इस तरह की सिफारिशें की गई थी।
जानकारी के अनुसार सरकार का यह आदेश एक अप्रैल से लागू होगा। आपको बता दें कि इस बजट में सरकार ने राजनीतिक पार्टियों को झटका देते हुए ऐलान किया कि पार्टियां अब 2 हजार से ज्यादा का चंदा कैश में नहीं ले सकती है। इससे ज्यादा के चंदे के लिए सभी पार्टियों को हिसाब देने होगा। जबकि अब से पहले पार्टियां 20 हजार रुपये तक का चंदा कैश में ले सकतीं थी।