रांची। आइएएस अधिकारी राहुल पुरवार चौतरफा घिरते दिख रहे हैं। बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक के पद पर रहते हुए उनके खिलाफ कई अनियमितताओं के आरोप है। इसे लेकर कार्मिक एवं प्रशासनिक ने उन्हें मेमो नोटिस जारी कर शो-कॉज किया है। राहुल पुरवार हाल ही में बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक पद से हटाये गये हैं। इस बीच उन्हें राज्य का मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बनाया गया है। इधर, शो-कॉज के बाद अब वह जांच के घेरे में हैं। एसीबी की टीम उनके खिलाफ साक्ष्य एकत्र करने के लिए कई फाइल सीज कर ले गयी है, जिनका अध्ययन किया जा रहा है।
लगे हैं कई गंभीर आरोप: पुरवार पर टाटा प्रोजेक्ट्स को 42 करोड़ रुपये का भुगतान कई माह तक रोकने का आरोप था। आरोप लगाया गया था कि राहुल पुरवार ने 42 करोड़ रुपये के भुगतान के एवज में ढाई प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। विभागीय जांच में भी इसकी पुष्टि हुई है। नेता प्रतिपक्ष के पद पर रहते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस प्रकरण को उजागर किया था। अब राहुल पुरवार को इस संदर्भ में अपना जवाब दाखिल करना होगा। जांच अधिकारी वंदना डाडेल ने अपनी रिपोर्ट सरकार को अगस्त में ही सौंप दी थी, लेकिन पुरवार के प्रभाव के कारण पिछली सरकार में मामला दबा रह गया। अब हेमंत सरकार ने कार्मिक ने उन्हें मेमो नोटिस भेजकर अपना पक्ष रखने को कहा है। राहुल पुरवार पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न कार्यों के लिए हुए टेंडर में ऊंची दर पर ठेका कंपनियों को टेंडर आवंटित किये। कई काम पर एजी की भी आपत्ति थी, जिसकी अनदेखी की गयी। अपने कार्यकाल में राहुल पुरवार ने राजस्व को क्षति पहुंचायी। वे बिजली की खपत के मुकाबले राशि की वसूली नहीं कर सके। इससे काफी घाटा हुआ, जिसकी भरपाई राज्य सरकार को करनी होगी।
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