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    Home»Breaking News»सरकार बदल गयी, अब तो सोच बदलो
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    सरकार बदल गयी, अब तो सोच बदलो

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskFebruary 7, 2020Updated:February 7, 2020No Comments4 Mins Read
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    नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया। एक घंटे 40 मिनट के भाषण में मोदी विपक्ष पर काफी हमलावर नजर आये। विभाजन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसी (जवाहर लाल नेहरू) को प्रधानमंत्री बनना था, इसलिए हिंदुस्तान की जमीन पर लकीर खींच दी गयी। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि एक सवाल बार-बार आ रहा है कि सरकार को कामों की इतनी जल्दी क्यों है? अगर पुरानी लीक पर चले होते तो अनुच्छेद 370 खत्म नहीं होता। विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि सरकार बदली, सरोकार बदले, अब सोच भी बदलें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने की इच्छा किसी की भी हो सकती है, इसमें कोई बुराई नहीं। लेकिन किसी को प्रधानमंत्री बनना था, इसलिए हिंदुस्तान के नक्शे पर एक लकीर खींच दी गयी। लाखों हिंदुओं और सिखों पर अत्याचार हुए। सरकार बदली है, सरोकार भी बदलने की जरूरत है। हम पहले के तरीके से चलते तो शायद 70 साल बाद भी अनुच्छेद 370 नहीं हटता। मुस्लिम बहनों को तीन तलाक की तलवार डराती। राम जन्मभूमि विवादों में रहती।
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की कार्यशैली पर कहा कि अगर कांग्रेस के रास्ते पर चलते तो 50 साल बाद भी शत्रु संपत्ति के लिए इंतजार करना पड़ता। 28 साल बाद भी बेनामी संपत्ति कानून का इंतजार खत्म नहीं होता। फाइटरजेट का इंतजार भी खत्म नहीं होता। उन्होंने कहा कि पहले पूर्वोत्तर में सूर्य तो निकलता था, लेकिन सुबह नहीं होती थी। हमारे मंत्री वहां गये, लोगों से संवाद किया। वहां लोगों को सड़क, बिजली, ट्रेन और हवाई सेवाएं दी गयीं। समझौते में लिखा है बोडो की कोई मांग बाकी नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में भ्रष्टाचार, कमजोर बैंकिंग और संसाधनों की बंदरबांट के मुद्दे सदन में गूंजते थे। हमने इन सब को खत्म करने का लक्ष्य रखा था। उसे पूरा भी किया। आज मुद्दा वित्तीय घाटा और महंगाई है।
    राहुल के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि एक कांग्रेस नेता (राहुल गांधी) ने कहा कि युवा मोदी को डंडे मारेंगे। अगले छह महीने में ऐसे सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा और पीठ का साइज (मजबूती) इतना बढ़ा दूंगा कि कोई भी डंडा मार सके।
    बंगाल-कश्मीर के हालात पर पीएम मोदी ने कहा कि अधीरजी (कांग्रेस नेता) बंगाल में क्या चल रहा है, उसका कच्चा चिट्ठा खोल दें तो आपको तकलीफ होगी। कांग्रेस के वक्त संविधान की क्या स्थिति थी। 19 जनवरी 1990 को कुछ लोगों ने कश्मीर की पहचान को दफना दिया था।
    पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस का मंत्र होना चाहिए- संविधान बचाओ। आपको इसे दिन में 100 बार बोलना चाहिए। आपातकाल के दौरान आपको संविधान याद नहीं आया था। कांग्रेस अगर संविधान का महत्व समझती तो ऐसी हालत ऐसी न होती। पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग बोल रहे हैं कि सीएए लाने की जल्दी क्या थी। सरकार भेदभाव कर रही है। ये वे लोग हैं, जो देश के टुकड़े-टुकड़े करने वालों के साथ फोटो खिंचवाते हैं। दुखद है कि कुछ लोग पाकिस्तान के रवैये पर भरोसा कर रहे। सीएए से भारत में किसी भी अल्पसंख्यक को कोई परेशानी नहीं होगी। क्या कांग्रेस को 1984 के दंगे याद हैं। क्या वहां रहने वाले हमारे सिख भाई अल्पसंख्यक नहीं थे। आपने दंगा भड़काने के आरोपी को मुख्यमंत्री बना दिया। सदन में सीएए पर चर्चा हुई है। यहां बार-बार ये बताने की कोशिश की गयी कि अनेक हिस्सों में प्रदर्शन के नाम पर अराजकता फैलायी गयी, जो हिंसा हुई, उसी को आंदोलन का अधिकार मान लिया गया।
    पीएम मोदी ने मशहूर कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की एक कविता का जिक्र करते हुए कहा- लीक पर वे चलें, जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो जो हमारी यात्रा से बने, ऐसे अनिर्मित पथ ही प्यारे हैं। एक शायर ने कहा है- खूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं, आप छुपते भी नहीं, सामने आते भी नहीं।

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