Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Thursday, June 19
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Top Story»बजट सत्र में लंबी लकीर खींचेंगे हेमंत
    Top Story

    बजट सत्र में लंबी लकीर खींचेंगे हेमंत

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskFebruary 29, 2020No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    झारखंड की पांचवीं विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया है और उम्मीद के अनुरूप विपक्षी भाजपा ने पहले दिन ही भारी शोर-शराबा किया। भाजपा की ओर से बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता दिये जाने की मांग की जाती रही। दूसरी तरफ सत्ता पक्ष के नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जिस शालीनता और एकाग्रता से सदन की बैठक में भाग लिया, वह बेहद अनुकरणीय है। केवल हेमंत ही नहीं, उनकी कैबिनेट के सभी सहयोगी और सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों ने भी बजट सत्र के पहले दिन शालीनता और संयम का परिचय दिया। बजट सत्र के पहले दिन की कार्यवाही हालांकि थोड़ी ही देर चली, लेकिन इससे इस बात का पुख्ता संकेत मिला कि इस सत्र में जनता से जुड़े मुद्दों को तवज्जो मिलेगी और राज्य की सबसे बड़ी पंचायत में जनता की आवाज सुनी जायेगी, जनता की पीड़ा को दूर करने के उपायों पर सार्थक बहस होगी। विधानसभा के बजट सत्र के संभावित फलाफल पर नजर डालती आजाद सिपाही पॉलिटिकल ब्यूरो की खास रिपोर्ट।

    28 फरवरी को झारखंड की पांचवीं विधानसभा पहली बार किराये के भवन में नहीं, 39 एकड़ जमीन में 465 करोड़ रुपये की लागत से बनायी गयी 57 हजार वर्ग मीटर से अधिक बड़े भवन में बैठी, तो हर झारखंडी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल कर सत्ता में आये झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन के अलावा विपक्षी भाजपा और दूसरे सदस्यों ने जिस बालसुलभ उत्सुकता से नये विधानसभा भवन में प्रवेश किया और देखा, यह देखना काफी सुखद था। बजट सत्र के पहले दिन की कार्यवाही हालांकि बहुत देर तक नहीं चली और इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने शोर-शराबा भी किया, लेकिन सदन के नेता हेमंत सोरेन के व्यवहार ने इस बात का संकेत जरूर दे दिया कि यह सत्र बेहद उपयोगी साबित होगा। बजट सत्र के पहले दिन यह भी साफ हो गया कि यह सत्र नेता प्रतिपक्ष के बिना चलेगा।

    नेता प्रतिपक्ष के नहीं होने का मतलब
    संसदीय प्रक्रियाओं के जानकारों का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष के नहीं होने से सदन के विधायी कार्यों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सदन के सामान्य संचालन के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष का होना अनिवार्य नहीं, तो आवश्यक शर्त जरूर है। लेकिन सदन के अंदर की व्यवस्था और नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता देने का अधिकार केवल स्पीकर को ही है। जानकार कहते हैं कि सदन की सबसे प्रमुख समिति लोक लेखा समिति के सभापति का पद आम तौर पर विपक्ष को दिये जाने की परंपरा रही है। यदि झारखंड में कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं होगा, तो इस पद के लिए स्पीकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा से किसी सदस्य का नाम मांग सकते हैं। विधानसभा की दूसरी समितियों के लिए भी स्पीकर यही प्रक्रिया अपना सकते हैं। राज्य की दूसरी संवैधानिक संस्थाओं में नियुक्ति के लिए बनायी जाने वाली नियुक्ति समितियों में भी विपक्ष की ओर से नाम मांगे जा सकते हैं। इसका मतलब यह है कि नेता प्रतिपक्ष के बिना कोई विधायी कार्य रुकने या उसमें व्यवधान पैदा होने की आशंका नहीं है। यह व्यवधान तभी पैदा होगा, जब भाजपा अपने किसी विधायक का नाम स्पीकर को नहीं देगी। उस स्थिति में नुकसान भी भाजपा का ही होगा, क्योंकि समितियों के अभाव में कई काम रुक जायेंगे।

    चुनौतियों के लिए तैयार हैं हेमंत
    बजट सत्र के पहले दिन सदन नेता हेमंत सोरेन के हाव-भाव और उनके शालीन व्यवहार ने साफ संकेत दिया है कि वह सत्र के दौरान विपक्ष की ओर से आनेवाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं। हेमंत पहले भी कह चुके हैं कि वह विपक्ष के सहयोग से सत्र को जनता से जुड़े मुद्दों को सुलझाने की कोशिश करेंगे। बजट सत्र के पहले दिन उन्होंने यही रुख अपनाया। इतना ही नहीं, सत्ता पक्ष के सभी सदस्य भी शांत रहे। पहले यह संभावना व्यक्त की गयी थी कि सत्ता पक्ष पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान बरती गयी कथित अनियमितताओं का मुद्दा उठा कर भाजपा को घेरेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बदले में भाजपा ने ही बाबूलाल मरांडी की कुर्सी को लेकर हंगामा किया और सदन की कार्यवाही स्थगित हो गयी।
    विधानसभा के इस सत्र का इस्तेमाल हेमंत सोरेन राज्य की जनता के व्यापक हितों के लिए करने का मन बना चुके हैं। मंगलवार को पेश होनेवाले बजट में इसकी झलक भी मिलेगी, इस बात का संकेत भी दिया जा चुका है। वास्तव में दो महीने पुरानी हेमंत सोरेन सरकार के लिए बजट सत्र बड़ी परीक्षा है और इसमें वह कैसा प्रदर्शन करती है, इस पर केवल राज्य ही नहीं, पूरे देश की निगाहें हैं। हेमंत को इस बात की बखूबी जानकारी है। वह यह भी जानते-समझते हैं कि उनके सामने भाजपा के रूप में एक संगठित और मजबूत विपक्ष है, जो उनकी राह में हर कदम पर कांटे बिछाने को तत्पर है। इसकी बानगी सत्र के पहले ही दिन सामने आ चुकी है।
    तमाम अवरोधों और व्यवधानों को लांघ कर हेमंत सोरेन अपनी ‘टीम झारखंड’ के साथ राज्य की सवा तीन करोड़ की आबादी को विकास के पथ पर आगे ले जाने के लिए कटिबद्ध ही नहीं, पूरी तरह तैयार भी नजर आये। अब निगाहें बजट प्रस्तावों पर टिकी हैं, जहां से इस सरकार का असली सफर शुरू होगा। यह सफर कैसा होगा, इस सवाल का जवाब तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन इतना तय हो गया है कि विधानसभा के बजट सत्र में हेमंत सोरेन लंबी लकीर खींचने के लिए कमर कस कर तैयार हैं। इस लक्ष्य को हासिल करने के रास्ते में उनके सामने जो भी अवरोध पैदा होगा, उससे वह अपने राजनीतिक और रणनीतिक कौशल से निबट लेंगे।

    Hemant will draw a long streak in the budget session
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleबेटियों की सफलता में सुनहरे भारत की झलक दिखाती है: राष्ट्रपति
    Next Article लोकतंत्र के नये मंदिर को किया नमन
    azad sipahi desk

      Related Posts

      खूंटी का  बनई पुल टूटा, खूंटी-सिमडेगा मुख्य मार्ग पर आवागमन ठप

      June 19, 2025

      झारखंड में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 56 आईएएस अधिकारियों का तबादला

      June 19, 2025

      भारी बारिश से जन जीवन प्रभावित, रौद्र रूप में नजर आ रहे खूंटी के जलप्रपात

      June 19, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • खूंटी का  बनई पुल टूटा, खूंटी-सिमडेगा मुख्य मार्ग पर आवागमन ठप
      • झारखंड में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 56 आईएएस अधिकारियों का तबादला
      • भारी बारिश से जन जीवन प्रभावित, रौद्र रूप में नजर आ रहे खूंटी के जलप्रपात
      • एमएड सेमेस्टर वन की परीक्षा 30 जून से
      • फ्लाईओवर का नामकरण मदरा मुंडा के नाम पर करने की मांग
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version