- सात घंटे पूछताछ के बाद इडी ले गयी साथ
- गिरफ्तारी से पहले राजभवन जाकर दिया इस्तीफा
- इडी की हिरासत में राजभवन पहुंचे थे हेमंत
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री रहे हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार रात को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें जमीन फर्जीवाड़ा मामले में गिरफ्तार किया गया है। इडी की टीम दोपहर करीब सवा एक बजे बजे मुख्यमंत्री आवास पहुंची। उनसे रात 8 बजे तक पूछताछ की गयी। सूत्रों के मुताबिक इडी के अधिकाधिरियों ने पहले से हेमंत सोरेन से सवाल करने की पूरी तैयारी की थी। जमीन फर्जीवाड़ा से संबंधित कई सवाल उनसे पूछे गये। कई सवालों पर हेमंत सोरेन निरुत्तर थे। हेमंत सोरेन से दिल्ली से अचानक तथाकथित रूप से भूमिगत होने और उनके आवास से मिले 36 लाख रुपये के बारे में भी सवाल पूछे गये। सूत्रों के मुताबिक हेमंत सोरेन ने कई सवालों का तो जवाब दिया, जबकि कुछ सवालों पर निरुत्तर हो गये। इडी उनके कई जवाबों से संतुष्ट नहीं हुई। इसके बाद इडी ने उन्हें हिरासत में लेने की जानकारी दी। इडी की हिरासत में ही हेमंत सोरेन राजभवन पहुंचे। उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा। इस दौरान इडी के अधिकारी उनकी गाड़ी में उनके साथ थे।
20 जनवरी को भी हुई थी पूछताछ:
गौरतलब है कि इडी ने हेमंत सोरेन से जमीन फर्जीवाड़ा में 20 जनवरी को लगभग 7.30 घंटे पूछताछ की थी। इसके बाद इडी ने उन्हें 29 से 31 जनवरी तक पूछताछ के लिए फिर से समय देने के लिए पत्र लिखा था। इस संबंध में इडी ने पत्र भेज कर उनसे कहा था कि आप 28 जनवरी तक हमें सूचित करें कि किस दिन पूछताछ के लिए उपलब्ध होंगे। इस बीच हेमंत सोरेन 27 जनवरी को चार्टर प्लेन से दिल्ली चले गये। 28 जनवरी तक उन्होंने इडी को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी। समय सीमा खत्म होते ही इडी के अधिकारी हेमंत सोरेन से पूछताछ करने के लिए 29 जनवरी की सुबह दिल्ली स्थित उनके आवास पर पहुंचे गये। उनकी तलाश झारखंड भवन और दिल्ली स्थित सांसद शिबू सोरेन के आवास पर भी की गयी, लेकिन हेमंत नहीं मिले। इसके बाद से उनकी किसी प्रकार की सूचना नहीं आ रही थी। अचानक वह 30 जनवरी की दोपहर रांची पहुंचे। इडी ने दिल्ली में हेमंत सोरेन की गाड़ी, घर से कुछ कागजात और 36 लाख रुपये जब्त किये थे।
दिनभर रही गहमा-गहमी:
हेमंत सोरेन से पूछताछ को लेकर दिनभर गहमागहमी रही। इडी की पूछताछ के दौरान सत्ता पक्ष ( झामुमो, कांग्रेस, राजद) के सभी विधायक सीएमओ पर डटे रहे। वह किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी में थे। उधर, सीएम आवास और राजभवन के आसपास झामुमो कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहा। वह बीच-बीच में विरोध-प्रदर्शन करते हुए इडी और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। प्रशासन ने सीएम आवास और राजभवन के आसपास के क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी है। सभी प्रमुख जगहों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। मुख्य सचिव, डीजीपी, डीसी, एसपी समेत अन्य अधिकारियों का मुख्यमंत्री आवास आना-जाना लगा रहा। इस बीच गृह सचिव अविनाश कुमार का अचानक तबादला किया गया। उधर, हेमंत सोरेन ने दिल्ली में अपने आवास पर इडी अधिकारियों की छापामारी के खिलाफ रांची के एससी-एसटी थाना में एफआइआर दर्ज करायी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एफआइआर की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह एफआइआर फर्जी है।
गिरफ्तारी से पहले हेमंत पहुंचे राजभवन:
हेमंत सोरेन गिरफ्तारी से पहले रात 8.30 बजे राजभवन पहुंचे। वह इडी की हिरासत में थे। वहां उन्होंने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंपा। उनका इस्तीफा तत्काल स्वीकार कर लिया गया। उनके साथ इडी के अधिकारी मौजूद थे। इस्तीफा देने के बाद हेमंत को इडी ने गिरफ्तार कर लिया।
-हेमंत ने सौंपा इस्तीफा, चंपई के पक्ष में सर्मथन पत्र
सत्ता पक्ष के विधायकों ने राज्यपाल को सौंपा पत्र
केवल पांच विधायकों से मिले राधाकृष्णन
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के साथ ही राज्य में सियासी हलचल बढ़ गयी। उनकी गिरफ्तारी के पूर्व हेमंत सोरेन राजभवन पहुंचे। उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा। सत्ताधारी दल (कांग्रेस, झामुमो, राजद) के विधायक तीन बस में सवार होकर राजभवन पहुंचे थे। हालंकि राज्यपाल ने केवल पांच विधायकों से मुलाकात की। उन्होंने चंपई सोरेन को गठबंधन दल का नेता बनाने और उनके नेतृत्व में सरकार गठन का पत्र दिया। विधायकों ने तत्काल चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने की मांग की। हालांकि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मांग को नहीं स्वीकार किया और मामले पर जल्द फैसला लेने का आश्वासन दिया।
तीन बस में विधायक पहुंचे राजभवन:
मुख्यमंत्री आवास से सत्ता पक्ष के विधायक तीन बस में सवार होकर रात 8.20 बजे राजभवन पहुंचे। उन्हें राजभवन के गेट पर ही रोक दिया गया। इस पर विधायकों ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने चंपई सोरेन को तत्काल मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने की मांग की। राज्यपाल से मिलने पांच विधायक अंदर गये। उन्होंने चंपई सोरेन को समर्थन का पत्र सौंपा। राज्यपाल ने उन्हें विधिसम्मत कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। सूत्रों के मुतबिक राज्यपाल विधि और संविधान विशेषज्ञों से राय लेने के बाद कोई कदम उठायेंगे।
कौन हैं चंपई सोरेन
रांची (आजाद सिपाही) सरायकेला-खरसावां जिला स्थित जिलिंगगोड़ा गांव निवासी आदिवासी सिमल सोरेन खेती किसानी किया करते थे। उनके चार बच्चों में बड़े बेटे का नाम चंपई सोरेन है। चंपई भी अपने पिता के साथ हाथ बंटाते थे। 10वीं क्लास तक सरकारी स्कूल से चंपई ने पढ़ाई लिखाई की। इस बीच उनका विवाह कम उम्र में ही मानको से कर दिया गया। शादी के बाद चंपई के चार बेटे और तीन बेटियां हुईं। इसी दौरान बिहार से अलग झारखंड राज्य की मांग उठने लगी। शिबू सोरेन के साथ ही चंपई भी झारखंड के आंदोलन में उतर गये। जल्द ही ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से मशहूर भी हो गये। इसके बाद चंपई सोरेन ने अपनी सरायकेला सीट से उपचुनाव में निर्दलीय विधायक बन कर अपने राजनीतिक करियर का आगाज कर दिया। इसके बाद वह झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गये। चंपई सोरेन भाजपा की अर्जुन मुंडा की सरकार में झामुमो की तरफ से मंत्री बनाये गये। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लग गया था। फिर हेमंत सोरेन की अगुवाई में बनी झामुमो की सरकार में चंपई सोरेन को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन मंत्री बनाया गया। दूसरी बार हेमंत सरकार बनी तो फिर 2019 में चंपई सोरेन को परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बनाया गया। वह वर्तमान में झामुमो के उपाध्यक्ष भी हैं।