-सुरक्षा घेरा तोड़ असंगठित मजदूर के घर पहुंचे
-काली बस्ती में चौपाल लगा मजदूरों की सुनी समस्या
शब्बीर हुसैन
धनबाद। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा रविवार को सुबह 8 बजे से पूर्वी टुंडी के हलकट्टा मैदान से शुरू हुई। बैंक मोड़ में सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन की रक्षा केवल कांग्रेस ही कर सकती है। यही कारण है कि अपने शासनकाल में कांग्रेस ने पेशा और जमीन अधिग्रहण जैसे कानून बनाये।
दो-तीन पूंजीपतियों के हाथ सौंप दी देश की संपत्ति
राहुल गांधी ने कहा कि इस बार की भारत जोड़ो यात्रा में न्याय शब्द जोड़ा गया है। इसके पांच कारण हंै। भाजपा की सरकार में देश को आर्थिक नुकसान हुआ है। दो-तीन पूंजीपतियों को देश की सारी पूंजी सौंप दी गयी है। जीएसटी-नोटबंदी के कारण देश में बेरोजगारी बढ़ी है। प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं का भविष्य खराब कर दिया है। पब्लिक सेक्टर को निजी हाथों में सौंप कर दलित- आदिवासियों के अधिकार को छीना जा रहा है। बोकारो स्टील फैक्ट्री को भी निजी हांथों में सौंपने की तैयारी है।
वह नफरत बांट रहे, हम मोहब्बत की दुकान चला रहे
राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस और भाजपा पूरे देश में हिंसा फैला रही है। नफरत बांट रही है। इस नफरत के बाजार में कांग्रेस ने मोहब्बत की दुकान खोल रखी है। राहुल गांधी ने यह वादा भी किया कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की 24 घंटे गारंटी रहेगी।
राहुल ने एक बालिका को खुली जीप में बैठा लिया
धनबाद। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा सुबह के करीब 9.20 बजे बैंक मोड़ स्थित बिरसा मुंडा चौक पहुंची। वह यहां करीब 10 मिनट तक रूके और लोगों को संबोधित किया। इसके बाद वे आगे की तरफ बढ़ गये। इसी दौरान आरसी परवीन नामक एक बालिका उनकी खुली जीप के पास पहुंच गयी। राहुल गांधी ने उसे अपनी जीप पर चढ़ा लिया। उससे कुछ बातें कीं और थोड़ी दूर जाकर वह बालिका जीप से नीचे उतर आयी।
मजदूर का इशारा पाते ही सुरक्षा घेरा तोड़ उसके घर पहुंचे
काली बस्ती से जैसे ही राहुल गांधी का काफिला आगे बढ़ा। इसी बीच सुरक्षा को तोड़ते हुए नीतीश नामक युवक राहुल गांधी के सामने आ गया। नीतीश ने बताया कि काफी कठिनाई में उनका घर परिवार चल रहा है। मेरे घर भी एक बार आकर देखिए, राहुल गांधी अपने काफिले से उतर कर नीतीश के घर चले गये। घर जाकर उनके परिवार के सदस्यों से मिले। नीतीश ने बताया कि बगल में आउटसोर्सिंग कंपनी चल रही है, लेकिन रोजी-रोजगार का कोई साधन नहीं मिल रहा है। सबसे ज्यादा धूल और प्रदूषण का शिकार होना पड़ता है।