उम्मीद के मुताबिक सपा के विधानसभा सदस्यों (एमएलए) व विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी) ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी विधान मंडल दल का नेता चुन लिया है। इसके बाद अखिलेश ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और उसे आरएसएस का कट्टरपंथी एजेंडा लागू करने वाली सरकार ठहराया। कहा,
नागरिक वादा निभाने वाली समाजवादी व बहकाकर वोट हासिल करने वाली भाजपा सरकार के अंतर को जल्द महसूस करने लगेंगे।
प्रदेश कार्यालय में मंगलवार को आयोजित एमएलए, एमएलसी की संयुक्त बैठक में पहले अखिलेश यादव को सपा विधान मंडल दल का नेता चुना गया और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष चुनने का अधिकार यादव को सौंपा गया।
जिसके बाद यादव ने अहमद हसन को परिषद में नेता प्रतिपक्ष नामित करने का प्रस्ताव सभापति के पास भेजा।
यादव को विधानमंडल दल का नेता नियुक्त किये जाने का प्रस्ताव पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी, बलराम यादव व नरेश उत्तम पटेल ने रखा, जिसका सभी सदस्यों ने समर्थन किया। अखिलेश यादव ने कहा कि झूठे वादों के जरिये जनता को गुमराह कर यह सरकार बनी है। भ्रष्ट राजनीति का यह नया रूप है। देश की राजनीति खतरनाक मोड़ पर आ गई है। जहां से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भाजपा सरकारों के जरिये कट्टरपंथी एजेंडा लागू करने का प्रयास कर रहा है। इससे देश का धर्मनिरपेक्ष स्वरूप खतरे में पड़ने की आशंका है। लोकतंत्र में सरकारों में बदलाव होता रहा है, मगर यह चुनाव विकास और जनहित के मुद्दों से हटकर हुए हैं।
समाजवादी सरकार ने अपने कार्यकाल में जनकल्याण की योजनाएं बनाई, जिसका अनुसरण दूसरे राज्यों की सरकारों ने भी किया। समाजवादी सरकार ने जनता का पैसा जनहित में खर्च किया।
सिद्धांतों को लेकर जनता के बीच रहेंगे :
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादियों को सिद्धांतों व अपने कार्यक्रमों को लेकर जनता के बीच रहना है। फिर चुनावी मैदान में भी जाना है। उसकी तैयारी में अभी से जुटें।