देहरादून: किट्टी कमेटियों के नाम पर सैकड़ों लोगों से करोडों रुपये और ज्वेलरी लेकर फरार हुई महिला को पुलिस ने सहारनपुर स्थित उसके मायके से गिरफ्तार कर लिया। महिला का ज्वेलर पति अभी भी फरार चल रहा है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। वहीं, महिला की गिरफ्तारी के बाद ठगी के शिकार लोगों ने कोतवाली पहुंचकर हंगामा किया और जल्द ही ज्वेलर को गिरफ्तार कर रुपये और ज्वेलरी वापस कराने की मांग की।
जानकारी के मुताबिक पटेलनगर स्थित टीएचडीसी कॉलोनी निवासी रविकांत वर्मा की पटेलनगर में ही मंशा ज्वेलर्स के नाम से ज्वेलरी शॉप है। वह पत्नी पायल उर्फ करुणा के साथ किट्टी कमेटियां डालने का काम भी करता था। कई लोगों ने उसके यहां किट्टी कमेटी के साथ ही ज्वेलरी जमा की हुई थी।
बताया जा रहा है कि आरोपी दंपती ने शुरुआत में अच्छा काम किया। जिससे लोगों को उनपर विश्वास हो गया और सैकड़ों लोगों ने उनके पास कमेटी के साथ ही ज्वेलरी रखनी शुरू कर दी। पुलिस के मुताबिक वर्तमान में उनके पास 100 से अधिक लोगों की कमेटी थी। बीती सात मार्च को दंपती दुकान से सारा सामान समेटकर रातों-रात फरार हो गए।
जब लोगों को इस संबंध में पता चला तो 11 मार्च को अनिल वर्मा निवासी धामावाला ने कोतवाली में लिखित तहरीर देकर दंपती पर लाखों रुपये की ज्वेलरी लेकर फरार होने का आरोप लगाया। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि आरोपी पाश्र्वनाथ ज्वेलर्स पलटन बाजार से भी 15 लाख रुपये की ज्वेलरी ले गया है। इसके बाद एक और मुकदमा दंपती के विरुद्ध दर्ज किया गया। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने लोगों से किट्टी कमेटी के नाम पर भी करोड़ों रुपये ठगे हैं।
पुलिस को पता चला था कि रविकांत वर्मा मूल रूप से सहारनपुर का रहने वाला है और उसका ससुराल भी वहीं है। रविवार को पुलिस ने रविकांत के ससुराल में छापा मारकर पायल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उससे रविकांत के बारे में पूछताछ कर रही है, लेकिन अभी तक रविकांत का कुछ पता नहीं चल पाया है। एसपी सिटी अजय सिंह ने कहा कि रविकांत के गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
शादी की ज्वेलरी लेकर भागा दंपती
रविकांत की ज्वेलरी शॉप पर कई लोगों ने शादी के लिए ज्वेलरी बनवाई थी, इसके लिए उन्होंने अपनी पुरानी ज्वेलरी रविकांत के यहां जमा कराई थी। आरोपी वह ज्वेलरी भी लेकर फरार हो गया।
कमेटी डलवाकर सोने का देता था लालच
पीडि़त गुरुरोड निवासी विजय कुमार, पारुल चौधरी आदि ने बताया कि रविकांत कमेटी के बदले में सोना देने का लालच देता था। विजय चौधरी ने बताया कि उनकी व उनकी पत्नी की ढाई-ढाई लाख रुपये की कमेटी थी। अधिक पैसों के लालच में कई लोगों ने रविकांत के यहां सोना भी गिरवी रखा था, लेकिन उसे लेकर भी वह फरार हो गया।
नोटबंदी का भी उठाया फायदा
बताया जा रहा है कि रविकांत ने नोटबंदी का भी खूब फायदा उठाया। पीडि़त पारुल ने बताया कि नोटबंदी के बाद उनके यहां जो रुपये थे, उन्होंने वह रविकांत के यहां जमा कर दिए थे। आरोपी ने कहा था कि बाद में इसके बदले सोना ले लेना, लेकिन कई बार मांगने के बाद भी न तो पैसे दिए और न ही सोना।