“भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने आज जामिया विश्वविद्यालय पर आरोप लगाया कि उसने तीन तलाक के विषय पर आायोजित समारोह में वक्ताओं की सूची से मेरा नाम हटाने के लिए आयोजकों पर दबाव डाला। विश्वविद्यालय ने हालांकि इन आरोपों से इनकार किया है।”
इल्मी के अनुसार, उन्हें आरएसएस समर्थित मंच अवेयरनेस आफ नेशनल सिक्योरिटी (फैन्स) ने तीन तलाक के मुद्दे पर आयोजित समारोह में बोलने के लिए आमंत्रित किया था। विश्वविद्यालय ने आयोजकों को इस समारोह का विषय बदलकर मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण : मुद्दे और चुनौतियां करने और मेरा नाम वक्ताओं की सूची से हटाने के लिए दबाव डाला। इस मंच के संरक्षक आरएसएस विचारक इंद्रेश कुमार है।
फैन्स ने घटनाक्रम की पुष्टि की है हालांकि जामिया मिलिया इस्लामिया प्रशासन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। जामिया के प्रवक्ता ने आयोजकों पर दबाव डालने के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि इस समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय या किसी विभाग ने नहीं किया है। आडिटोरियम आयोजकों को किराये पर दी गई और ऐसे समारोह में विषय वस्तु या वक्ताओं की पसंद को लेकर विश्वविद्यालय का कुछ भी लेनादेना नहीं होता है।
कार्यक्रम के संयोजक शैलेश वत्स ने हालांकि कहा कि हमने समारोह का विषय और वक्ताओं की सूची को अंतिम रूप दे दिया था लेकिन फिर विश्वविद्यालय ने कुछ बदलाव का सुझाव दिया और कहा कि विश्वविद्यालय में माहौल ऐसी चर्चा के लिए उपयुक्त नहीं है। इल्मी ने कहा कि आयोजनकर्ताओं पर काफी दबाव था। पहले उन्होंने तीन तलाक विषय को बदलकर महिला सशक्तिकरण किया। और इसके बाद वे वक्ताओं की सूची से मेरा नाम हटाना चाहते थे। पहले निमंत्रण कार्ड में मेरा नाम था लेकिन दूसरे कार्ड में मेरा नाम नहीं था।