नई दिल्ली/लखनऊ: उत्तर प्रदेश चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत के पीछे तीन तलाक को लेकर पार्टी का रुख एक कारण रहा था। बीजेपी तीन तलाक का काफी समय से विरोध कर रही है। पीएम मोदी भी इस कुप्रथा को लेकर कह चुके हैं कि मुस्लिम माताओं और बहनों को अधिकार मिलना चाहिए। बहरहाल ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तीन तलाक को खत्म करने के पक्ष में नहीं हैं। वहीं अब मुस्लिम महिलाएं खुलकर इस कुप्रथा के खिलाफ खुलकर सामने आ रही हैं। ऐसा ही एस मामला सामने आया है सहारनपुर से। जहां तीन तलाक की पीड़ित एक महिला ने सीधे पीएम नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है। शर्मनाक बात ये है कि महिला के पति ने उसके गर्भवती होने के बाद भी तीन तलाक बोलकर घर से निकाल दिया।
सहारनपुर के नानौता में रहने वाली इस गर्भवती महिला का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने गर्भ गिराने से इंकार कर दिया। अपने साथ हुए इस अन्याय के खिलाफ महिला ने पीएम मोदी से गुहार लगाई है। महिला ने बाकायदा प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख कर इंसाफ की मांग की है। महिला के मुताबिक उसके दो बेटिया हैं। ससुराल वालों का आशंका है कि तीसरी बार भी बेटी न हो जाए। इसलिए वो गर्भपात करने के लिए दबाव बना रहे हैं। पीड़ित महिला का आरोप है कि उसने थाने में भी मदद की गुहार लगाई लेकिन पुलिस ने कोई मदद नहीं की। कहीं से इंसाफ न मिलता देख महिला ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर तीन तलाक को खत्म करने की मांग की है। साथ ही गर्भ में पल रहे बच्चे की सुरक्षा की अपील भी की है।
पीड़ित महिला ने ये भी आरोप लगाया है कि उसे जान से मारने की धमकी मिल रही है। पीड़ित महिला शगुफता ने पीएम मोदी के साथ साथ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय महिला आयोग, सहारनपुर के जिलाधिकारी और सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी ये पत्र भेजा है। उसने कहा है कि पांच साल पहले उसकी शादी गंगोह के बुडढाखेडा गांव के रहने वाले शमशाद के साथ हुई थी। शादी के बाद उसकी दो बेटियां हुईं। वो एक बार फिर से गर्भवती है। तो उसके पति और ससुराल वालों को लग रहा है कि कहीं इस बार भी बेटी न हो जाए। इसलिए वो उसे गर्भपात कराने के लिए दबाव डाल रहे हैं। पीड़ित महिला ने आगे जो बाते पत्र में लिखी हैं वो पढ़कर इस बात का अंदाजा लग जाता है कि तीन तलाक को कुछ लोगों ने एक हथियार बना लिया है। महिलाओं से अपनी बात मनवाने के लिए तीन तलाक की धमकिया दी जाती हैं।
पीड़िता शगुफता ने लिखा है कि उसे बुखार था। उसकी तबीयत ठीक नहीं थी जिसके कारण उसने गर्भपात कराने से मना कर दिया। उसके बाद उसके पति शमशाद ने उसके साथ मारपीट की। उसके पेट में लात मार दी और गुस्से में तीन बार तलाक बोल कर उसे घर से बाहर निकाल दिया। उसने किसी तरह एक राहगीर की मदद से अपने मायके वालों को फोन किया तो उसके मायके वाले उसे घर ले गए। अब ये महिला इंसाफ चाहती है उसका कहना है कि पीएम मोदी तीन तलाक की कुप्रथा को खत्म करें ताकि किसी और महिला को ये सब न देखना पड़े। पीड़ित महिला ने सीएम योगी को भी ये पत्र भेजा है। देखना है कि प्रदेश और केंद्र सरकार महिला की मदद कैसे करते हैं। इस घटना के बाद एक बार फिर से तीन तलाक को लेकर बहस शुरू हो गई है। आखिर क्यों एक महिला को तीन तलाक का दंश सहना पड़े। ये समाज के हर वर्ग को सोचने की जरूरत है।