सीबीआई ने डॉ नरेंद्र दाभोलकर हत्या मामलेमें संदिग्ध 2 आरोपी की जानकारी देनेवाले को 5 लाख रूपये का इनाम घोषित किया ।सनातन संस्था का कार्यकर्त्ता सारंग आकोलकर और विजय पवार इन दोनों आरोपियोंके लिए यह इनाम घोषित किया गया है।पुणे में 20 अगस्त 2013 को सुबह समाजसेवी डॉ नरेंद्र दाभोलकर की गोली मारकर हत्या हुई थी।हमलावर एक बाइक से आये थे।
अंधविश्वास और अघोरी प्रथा के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की पुणे के महर्षि विट्ठल रामजी ब्रिज पर 20 अगस्त 2013 को दो अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
सीबीआई ने पिछले साल इस मामले में हिंदू जनजागरण समिति के नेता वीरेन्द्र तावड़े को गिरफ़्तार किया था।
उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन बाद में सीबीआई सूत्रों ने कहा कि उसे गिरफ़्तार कर लिया गया था।
सीबीआई के अनुसार तावड़े तथा संस्था के अन्य सदस्य सारंग अकोलकर के बीच कई ई-मेल हुए तथा इस हत्या में कई जानकारियां मिली हैं। अकोलकर अब भी फरार है। इस गिरफ्तारी पर दाभोलकर के पुत्र हामिद दाभोलकर ने कहा था कि यह काम पहले हो जाता तो गोविंद पानसरे व एमके कलबुर्गी की जान बच सकती थी।
जांच में सामने आया कि वारदात से 47 मिनट पहले ही हत्यारे ओंकारेश्वर पुल पर पहुंच चुके थे और महज तीन मिनट में घटना को अंजाम दे फरार हो गए।
हत्यारों का पता लगाने में नाकाम रही पुलिस पर सुराग ढूंढने के लिए तांत्रिक की मदद लेने का आरोप भी लगा था। उनकी हत्या के बाद पूरे महाराष्ट्र में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए।
डॉ. दाभोलकर ने पुणे में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति का गठन किया था। उनकी हत्या के बाद सरकार को अंधविश्वास के खिलाफ कानून बनाने को मजबूर होना पड़ा।