संवाददाता धनबाद। देश के कोल कैपिटल और काले सोने की खान के रूप में पहचाने जानेवाले धनबाद में लंबे समय के बाद वहां एके 47 की गूंज सुनायी पड़ी है। इस गूंज ने वहां के चार प्रमुख पावर सेंटर समझे जाने वाले में से एक की नींव को हिला दी है। मंगलवार की देर शाम हुई इस अंधाधुंध गोलीबारी में पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस के नेता नीरज सिंह की मौत हो गयी। इस मसले पर पुलिस चार बिंदुओं पर पड़ताल में जुटी है। इन बिंदुओं की चर्चा पूरे क्षेत्र में भी हो रही है। दरअसल, धनबाद में पहले तीन प्रमुख पावर सेंटर माने जाते रहे हैं। पहला सिंह मेंशन, जहां झरिया के विधायक संजीव सिंह का परिवार रहता है। दूसरा रघुकुल जहां नीरज और उनके परिवार के लोगों का वास है जबकि तीसरा- रामायण, जहां पूर्व कांग्रेसी नेता सुरेश सिंह का परिवार है। सुरेश सिंह की भी धनबाद में कुछ वर्ष पहले गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। अभी हाल ही एक और पावर सेंटर ढुल्लू महतो के रूप में देखा जा रहा है।
संजीव सिंह: नीरज सिंह एक समय कोयलांचल के बेताज बादशाह समझे जाने वाले सूर्यदेव सिंह के भतीजे थे। उनके पिता राजनारायण सिंह का कुछ साल पहले ही निधन हो गया था। कोयले की ठेकेदारी एवं राजनीतिक वर्चस्व को लेकर नीरज एवं उनके चचेरे भाई संजीव सिंह के बीच अर्से से अदावत जारी थी। इसकी वजह यह थी कि सूर्यदेव सिंह के भाई बच्चा सिंह ने उन्हें अपना राजनीतिक वारिस बना लिया था। उसी के बाद राजनीतिक विरासत को लेकर बराबर दोनों पावर सेंटर में उठापटक चलती रही है। सूर्यदेव सिंह के पुत्र संजीव सिंह झरिया से विधायक हैं। गत 29 जनवरी की शाम रघुकुल के पास ही संजीव सिंह के खासमखास रंजय सिंह की सरेशाम गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में रघुकुल के करीबी का नाम सामने आया था।
सुरेश सिंह: करोड़पति कोयला व्यवसायी और कांग्रेस नेता सुरेश सिंह की हत्या धनबाद क्लब में गोली मार कर की गयी थी। वह एक शादी समारोह में भाग लेने के लिए धनबाद क्लब पहुंचे थे। इसी बीच चार युवकों ने उन्हें घेर लिया और उनमें से एक ने रिवाल्वर निकाल कर गोलियां चलानी शुरू कर दी। इस हत्या में रामाधीर सिंह के पुत्र शशि सिंह नामजद हैं। चर्चा है कि सुरेश सिंह का परिवार सीधे नहीं तो परोक्ष रूप से दोनों परिवारों के बीच खाई बढ़ाना चाहता था, ताकि काम भी हो और नाम भी नहीं आये।
ढुल्लू महतो: धनबाद में एक नया पावर सेंटर के रूप में ढुल्लू महतो का नाम सामने आ रहा है। कई मौके पर ढुल्लू और नीरज गुट में आउटसोर्सिंग और वर्चस्व को लेकर टकराहट हो चुकी थी। आपसी रंजिश इस कदर बढ़ गयी थी कि हाल के दिनों में कई बार दोनों गुट आमने-सामने हुए। गोलियां चलीं। बम के धमाके भी हुए। दोनों ने एक-दूसरे पर प्राथमिकी तक करायी। आउटसोर्सिंग को लेकर मामला सुर्खियों में भी रहा।
ब्रजेश सिंह:उत्तरप्रदेश का डॉन ब्रजेश सिंह कभी सिंह मेंशन का खासमखास था। प्रमोद सिंह की हत्या के बाद उसने अपनी नजरें टेढ़ी कर लीं। कहा जाता है कि उसने संजीव सिंह के बड़े भाई राजीव रंजन सिंह की हत्या करवा कर प्रमोद सिंह की हत्या का बदला लिया। दरअसल ब्रजेश सिंह सिंह मेंशन को खत्म करना चाहता है। नीरज सिंह की हत्या उसी की एक कड़ी हो सकती है, ताकि दोनों परिवार आपस में टकरा कर समाप्त हो जायें और वह बलिया की संपत्ति पर कब्जा कर बैठे।