Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Wednesday, October 22
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»स्पेशल रिपोर्ट»धनबाद के चार पावर सेंटर : पहले से सिंह मेंशन, रघुकुल, रामायण अब ढुल्लू
    स्पेशल रिपोर्ट

    धनबाद के चार पावर सेंटर : पहले से सिंह मेंशन, रघुकुल, रामायण अब ढुल्लू

    azad sipahiBy azad sipahiMarch 23, 2017No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    संवाददाता
    धनबाद। देश के कोल कैपिटल और काले सोने की खान के रूप में पहचाने जानेवाले धनबाद में लंबे समय के बाद वहां एके 47 की गूंज सुनायी पड़ी है। इस गूंज ने वहां के चार प्रमुख पावर सेंटर समझे जाने वाले में से एक की नींव को हिला दी है। मंगलवार की देर शाम हुई इस अंधाधुंध गोलीबारी में पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस के नेता नीरज सिंह की मौत हो गयी। इस मसले पर पुलिस चार बिंदुओं पर पड़ताल में जुटी है। इन बिंदुओं की चर्चा पूरे क्षेत्र में भी हो रही है। दरअसल, धनबाद में पहले तीन प्रमुख पावर सेंटर माने जाते रहे हैं। पहला सिंह मेंशन, जहां झरिया के विधायक संजीव सिंह का परिवार रहता है। दूसरा रघुकुल जहां नीरज और उनके परिवार के लोगों का वास है जबकि तीसरा- रामायण, जहां पूर्व कांग्रेसी नेता सुरेश सिंह का परिवार है। सुरेश सिंह की भी धनबाद में कुछ वर्ष पहले गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। अभी हाल ही एक और पावर सेंटर ढुल्लू महतो के रूप में देखा जा रहा है।

    संजीव सिंह: नीरज सिंह एक समय कोयलांचल के बेताज बादशाह समझे जाने वाले सूर्यदेव सिंह के भतीजे थे। उनके पिता राजनारायण सिंह का कुछ साल पहले ही निधन हो गया था। कोयले की ठेकेदारी एवं राजनीतिक वर्चस्व को लेकर नीरज एवं उनके चचेरे भाई संजीव सिंह के बीच अर्से से अदावत जारी थी। इसकी वजह यह थी कि सूर्यदेव सिंह के भाई बच्चा सिंह ने उन्हें अपना राजनीतिक वारिस बना लिया था। उसी के बाद राजनीतिक विरासत को लेकर बराबर दोनों पावर सेंटर में उठापटक चलती रही है। सूर्यदेव सिंह के पुत्र संजीव सिंह झरिया से विधायक हैं। गत 29 जनवरी की शाम रघुकुल के पास ही संजीव सिंह के खासमखास रंजय सिंह की सरेशाम गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में रघुकुल के करीबी का नाम सामने आया था।

    सुरेश सिंह: करोड़पति कोयला व्यवसायी और कांग्रेस नेता सुरेश सिंह की हत्या धनबाद क्लब में गोली मार कर की गयी थी। वह एक शादी समारोह में भाग लेने के लिए धनबाद क्लब पहुंचे थे। इसी बीच चार युवकों ने उन्हें घेर लिया और उनमें से एक ने रिवाल्वर निकाल कर गोलियां चलानी शुरू कर दी। इस हत्या में रामाधीर सिंह के पुत्र शशि सिंह नामजद हैं। चर्चा है कि सुरेश सिंह का परिवार सीधे नहीं तो परोक्ष रूप से दोनों परिवारों के बीच खाई बढ़ाना चाहता था, ताकि काम भी हो और नाम भी नहीं आये।

    ढुल्लू महतो: धनबाद में एक नया पावर सेंटर के रूप में ढुल्लू महतो का नाम सामने आ रहा है। कई मौके पर ढुल्लू और नीरज गुट में आउटसोर्सिंग और वर्चस्व को लेकर टकराहट हो चुकी थी। आपसी रंजिश इस कदर बढ़ गयी थी कि हाल के दिनों में कई बार दोनों गुट आमने-सामने हुए। गोलियां चलीं। बम के धमाके भी हुए। दोनों ने एक-दूसरे पर प्राथमिकी तक करायी। आउटसोर्सिंग को लेकर मामला सुर्खियों में भी रहा।

    ब्रजेश सिंह: उत्तरप्रदेश का डॉन ब्रजेश सिंह कभी सिंह मेंशन का खासमखास था। प्रमोद सिंह की हत्या के बाद उसने अपनी नजरें टेढ़ी कर लीं। कहा जाता है कि उसने संजीव सिंह के बड़े भाई राजीव रंजन सिंह की हत्या करवा कर प्रमोद सिंह की हत्या का बदला लिया। दरअसल ब्रजेश सिंह सिंह मेंशन को खत्म करना चाहता है। नीरज सिंह की हत्या उसी की एक कड़ी हो सकती है, ताकि दोनों परिवार आपस में टकरा कर समाप्त हो जायें और वह बलिया की संपत्ति पर कब्जा कर बैठे।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleचचेरे भाई और भाजपा विधायक संजीव सिंह पर हत्या का आरोप
    Next Article धनबाद का इतिहास गवाह है
    azad sipahi

      Related Posts

      व्यवस्था तब भी बहंगी पर थी, व्यवस्था आज भी बहंगी पर ही है

      October 19, 2025

      सारंडा से जुड़ा है झारखंड का आर्थिक और सामाजिक विकास

      October 15, 2025

      बिहार एनडीए की सीट शेयरिंग में छिपे हैं कई सियासी संदेश

      October 14, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • अब जेएमएम बन गयी जेएमएम (यू): प्रतुल शाहदेव
      • भयमुक्त माहौल के बिना झारखंड में दम तोड़ देगा व्यापार: आदित्य मल्होत्रा
      • एशिया कप ट्रॉफी विवाद गहराया: BCCI ने ACC चीफ को भेजा ईमेल
      • महिला विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया को झटका, इंग्लैंड मुकाबले से बाहर हुई एलिसा हीली
      • देश से नक्सलवाद की समस्या अगले साल मार्च तक समाप्त हो जाएगी : राजनाथ
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version