राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह मोहन भागवत ने राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने से इनकार करते हुए ऐसे समाचार को मनोरंजक खबरें बताया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि उनका नाम राष्ट्रपति पद के लिए नहीं आएगा, यदि इसका प्रस्ताव रखा भी जाता है तो वह इसे स्वीकार नहीं करेंगे।
राजवाड़ा महल में आयोजित एक सम्मान समारोह में भागवत ने कहा कि यह खबर गलत है कि अगामी राष्ट्रपति चुनावों में मैं नामित होना वाला हूं। मीडिया जो समाचार दिखा रही है, वह मनोरंजन की खबर है। राष्ट्रपति बनने की अपनी महत्वकांक्षा पर स्पष्टीकरण देते हुए, भागवत ने कहा था कि संघ परिवार का सदस्य होने के नाते वह अपने संगठन और समाज के प्रति समर्पित हैं।
उन्होंने कहा कि जब हम संघ में शामिल होते हैं, हम अन्य सभी संभावनाओं के लिए दरवाजे बंद कर देते हैं। हम सिर्फ संघ परिवार और समाज के लिए काम करते हैं। मेरा नाम राष्ट्रपति पद के लिए नहीं आएगा। यदि मेरे नाम का प्रस्ताव आता भी है तो, मैं उसे स्वीकार नहीं करूंगा।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने दो दिन पहले शीर्ष पद के लिए भागवत का नाम सुझाते हुए कहा था कि वह राष्ट्रपति पद के लिए सही चुनाव होंगे। राउत ने कहा था, यह देश का शीर्ष पद है। किसी साफ-सुथरी छवि वाले को इस पर पदासीन होना चाहिए। हमने सुना है कि राष्ट्रपति पद के लिए मोहन भागवत के नाम पर चर्चा चल रही है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यदि भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना है तो, भागवत राष्ट्रपति पद के लिए अच्छा चुनाव होंगे। लेकिन(उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने का) फैसला शिवसेना प्रमुख उद्धवजी लेंगे।
उधर, कांग्रेस का कहना है कि पार्टी आंतरिक बैठक करके अपना उम्मीदवार तय करेगी क्योंकि वह भगवा विचारधारा के खिलाफ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज रात राजग के सभी सांसदों को रात्रिभोज पर बुलाया है। इस दौरान गठबंधन के राष्ट्रपति के उम्मीदवार के पक्ष में समर्थन जुड़ाने का प्रयास किया जाएगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है।