खूंटी: पांच लाख के इनामी नक्सली और भाकपा माओवादी एवं केसीसी प्रमुख श्याम पाहन से खूंटी पुलिस ने कड़ी पूछताछ शुरू कर दी है। वह एमसीसी के जोनल कमांडर कुंदन पाहन का सगा भाई है। श्याम ने संगठन के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी पुलिस को दी हैं। पुलिस श्याम से संगठन के हथियारों के बारे में विशेष रूप से पूछताछ कर रही है। उसे हरियाणा से गिरफ्तार कर यहां लाया गया है।
एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने पत्रकारों को बताया कि श्याम पाहन के खिलाफ हत्या, अपहरण, लेवी, पुलिस के साथ मुठभेड़ सहित अन्य संगीन मामलों को लेकर खूंटी, रांची और सरायकेला जिले के विभिन्न थानों में 36 मामले दर्ज हैं। सिर्फ खूंटी जिले में उसके खिलाफ 30 मामले दर्ज हैं। एसपी ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि श्याम पाहन हरियाणा के यमुना नगर कोटरा खास के एक पॉल्ट्री फॉर्म में छिपा हुआ है। खूंटी पुलिस ने हरियाणा पुलिस को श्याम का हुलिया बताया और सहयोग मांगा। 24 मार्च को हरियाणा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसकी तलाशी लेने पर उसके पास से एक पिस्टल और एक गोली बरामद हुई। इसके बाद विलासपुर थाने में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया । जानकारी मिलने पर खूंटी के एसडीपीओ रणवीर सिंह और अड़की थाना प्रभारी हरिदेव प्रसाद हरियाणा गये, पर हरियाणा पुलिस द्वारा रिमांड पर लिये जाने के कारण श्याम को खूंटी नहीं लाया जा सका। न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस उसे खूंटी लायी। पत्रकार सम्मेलन में एएसपी अभियान अनुराग राज और एसडीपीओ रणवीर सिंह भी उपस्थित थे।
श्याम पाहन पर दर्ज प्रमुख मामले
खूंटी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि श्याम पाहन ने अपने दस्ते के साथ पुलिस इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार की 30 सितंबर 2009 को हत्या कर दी थी। उसने दो जून 2011 को मुरहू के स्टेट बैंक के पास ड्यूटी में तैनात सशस्त्र बल पर हमला कर हथियार लूट लिये थे। 6 नवंबर 2009 को खूंटी-माड़ रोड पर लैंड माइंस विस्फोट कर पुलिस वाहन को उड़ा दिया था, जिसमें हवलदार हरेंद्र पांडेय शहीद हो गये थे। इसके अलावा श्याम पाहन ने अपने भाई कुंदन के साथ मिल कर हत्या, लेवी, अपहरण लेवी वसूलने सहित 36 घटनाओं को अंजाम दिया है। श्याम के खिलाफ खूंटी के अलावा रांची और सरायकेला जिले में भी तीन-तीन मामले दर्ज हैं।