संवाददाता
रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि बच्चे वोट बैंक नहीं हैं, इसलिए सरकारी स्कूलों की उपेक्षा की गयी। स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर किसी राजनीतिक पार्टी ने इसलिए ध्यान नहीं दिया, क्योंकि बच्चे राजनीति का हिस्सा नहीं हैं। सीएम ने कहा कि राज्य को बदलना है तो शिक्षा व्यवस्था को बदलना होगा। इसलिए सरकार ने सभी कमियों को दूर कर सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उक्त बातें सोमवार को मोरहाबादी मैदान में आयोजित राज्यस्तरीय बाल समागम के समापन के मौके पर कहीं।
झारखंड के महापुरुषों को पाठ्यक्रम में शामिल करें
सीएम ने कहा कि अच्छे प्रशिक्षण संस्थानों के साथ एमओयू करके झारखंड के शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रशिक्षित किया जायेगा, ताकि हमारे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। झारखंड की शिक्षा व्यवस्था हमारी संस्कृति, प्रकृति और प्रगति के अनुरूप होनी चाहिए। इसलिए शिक्षा विभाग झारखंड के महापुरुषों को पाठ्यक्रम में शामिल करे। सीएम ने कहा कि स्कूल चलें, चलायें अभियान से आदिवासी क्षेत्रों में बच्चों के ड्रापआउट होने की संख्या कम हुई। शौचालय की सुविधा नहीं होने से लड़कियां ज्यादा ड्रॉपआउट होती थीं।
राष्ट्रगान गानेवाली बच्ची को सीएम ने दिये 25 हजार रुपये इनाम
मुख्यमंत्री ने बाल समागम में बैंड टीम और सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करनेवाले ग्रुप को 1-1 लाख रुपये इनाम के रूप में देने की घोषणा की। साथ ही राष्ट्रीय गान गाने वाली पंडरा मिडिल स्कूल की बच्ची रुचि कुमारी को 25 हजार रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की। बाल समागम में सीएम ने एनसीइआरटी द्वारा विकसित गणित एवं विज्ञान के किट का वितरण किया। इसके अलावा पहली और दूसरी कक्षा के लिए विकसित शिक्षण अधिगम सामग्री और दिव्यांग बच्चों के बीच टैब, डेजी प्लेयर और ब्रेल किट का वितरण किया। राज्य के 240 प्रारंभिक विद्यालयों में संचालित कंप्यूटर शिक्षा का भी मुख्यमंत्री ने आॅनलाइन उद्घाटन किया।