हजारीबाग: आखिर एक अबला को गांव के चौराहे पर खूंटे से बांधकर, उसके बाल काटने और उसे लाठी से पीटने का मामला दारू थाने में दर्ज हो गया। पर इसके लिए महिला के पति को 15 दिनों तक इंतजार करना पड़ा। घटना 10 मार्च की है। (गांव का नाम जान बूझ कर नहीं बताया जा रहा है, क्योंकि इसमें पूरे गांव का कोई दोष नहीं है, यह चंद लोगों की करतूत है। महिला की पहचान भी छिपानी है।)
कुछ ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने क ी शर्त पर जो घटना का बयान किया है, वह पूरा का पूरा दर्ज प्राथमिकी से मेल नहीं खाता, लेकिन सच्चाई यही है। निर्भया (काल्पनिक नाम) पशुपालन का प्रशिक्षण प्राप्त करने 4 मार्च को रांची गयी थी। 9 मार्च को अपने चचेरे भाई के साथ गांव वापस लौटी, तो कुछ लोगों ने उसके भाई की पिटाई गांव से बाहर कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों भाई बहन के बीच अवैध संबंध है। भाई को गांव लाया गया।
गांव में एक पंचायत लगा कर उससे 11 हजार रुपये दंड लेकर छोड़ दिया गया। दूसरे दिन गांव के ही कुछ लोगों ने निर्भया को अहले सुबह घर से खींच कर निकाला। उसे पोल से बांध दिया। उसके बाल काटे गये और लाठी से उसकी पिटाई की गयी। घटना के बाद निर्भया किसी तरह थाने पहुंची, लिखकर दिया। पुलिस गांव भी आयी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की।
23 मार्च को निर्भया का पति बाहर से गांव लौटा, तो उसने पुलिस के उच्च अधिकारियों को लिखकर सारी बातों की जानकारी दी। उच्चाधिकारियों की पहल पर अतंत: दारू थाने में मामले की आधी अधूरी प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है, लेकिन इसमें कई लोगों के नाम गायब हैं। अब पति-पत्नी न्याय के लिए सरकार तक गुहार लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
चौराहे पर खूंटे से बांध कर अबला के बाल काटे और लाठियों से पीटा
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