अहमदाबाद: गुजरात के प्रख्यात हास्य लेखक और नाटककार तारक मेहता का लंबी बीमारी की वजह से आज 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्हें उनके गुजराती स्तंभ दुनिया ने उंधा चश्मा से काफी शोहरत मिली।

पारिवारिक सूत्रों ने कहा, उम्र से जुड़ी बीमारी की वजह से 87 साल की उम्र में लेखक का शहर में स्थित उनके घर पर निधन हो गया। पद्मश्री से सम्मानित लेखक के परिवार ने उनके पार्थिव शरीर को चिकित्सा अनुसंधान के लिए दान करने का फैसला किया है।

मेहता का स्तंभ सबसे पहले 1971 में गुजराती साप्ताहिक पत्रिका चित्रलेखा में छपा था जिसके बाद साल 2008 में इस पर तारक मेहता का उलटा चश्मा नाम से टीवी श्रंखला भी बनी, जिससे देश भर में घर-घर उनका नाम चर्चित हो गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर ट्वीट करके लेखक को अपनी श्रद्धांजलि दी। मोदी ने ट्वीट किया, तारक मेहता के लेखन में हमेशा भारत की विविधता में एकता की झलक दिखती थी। उनके किरदार जैसे टप्पू लोगों के दिलों में रहते हैं।

मेहता के साथ ली गई एक तस्वीर के साथ प्रधानमंत्री ने लिखा कि मेहता वो शख्स थे जिन्होंने अपनी कलम और व्यंग का साथ कभी नहीं छोड़ा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी लेखक के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया, गुजराती लेखक और पद्मश्री से सम्मानित तारक मेहता जी नहीं रहे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी ट्वीट कर तारक मेहता को श्रद्धांजलि दी। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने भी तारक मेहता को याद करते हुए कहा कि वो ऐसे शख्स थे जिन्होंने हमारे चेहरों पर मुस्कान बिखेरी।

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