संवाददाता
रांची। मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने आगामी गर्मी को ध्यान में रखकर समस्याग्रस्त क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था दुरूस्त करने का निर्देश दिया है, ताकि लोगों को गर्मी के दिनों में परेशानी नहीं हो। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों को चिन्ह्ति कर वैकल्पिक तौर पर पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये तथा चापानलों के माध्यम से पेयजल की व्यवस्था करें। कहा कि प्रखंड एवं जिला स्तर पर पेयजल की समस्या की शिकायतों के लिए कंट्रोल रूम को एक्टिवेट करें तथा यह सुनिश्चित करें कि शिकायत प्राप्त होने के 24 घंटे के अंदर उसका निष्पादन हो। मुख्य सचिव गुरुवार को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की समीक्षा कर रही थीं।
स्कूल, पीएचसी और आंगनबाड़ी केंद्रों में न हो पानी की समस्या
उन्होनें सभी जल सहियाओं को भुगतान करने का निर्देश दिया। कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि कोई भी स्कूल/स्वास्थ्य केंद्र तथा आंगनबाड़ी केंद्र पेयजल की समस्या से पीड़ित न हो। विभाग ने बताया कि राज्य में 86 प्रतिशत चापानल फंक्शनल हैं तथा 15,000 चापानलों के आरआरपी( राइजिंग राउंअिंग पाइप) को अगले 10 दिनों में बदल दिया जायेगा एवं विभाग द्वारा चयनित टोलों में 6000 नये चापानल लगाये जायेंगे।
अगले माह तक बन जायेंगे दो लाख शौचालय
स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि राज्य को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए सभी जिलों में लक्ष्य के अनुरूप कार्य हो। व्यक्तिगत शौचालय निर्माण में तेजी लायी जाये। उन्होंने कहा कि राज्य में 7 लाख शौचालयों का निर्माण हो चुका है। 389 पंचायतें ओडीएफ घोषित हो चुकी हैं। विभाग द्वारा बताया गया कि 31 मार्च तक 1000 पंचायतों को पूर्ण रूप ओडीएफ कर दिया जायेगा। दो माह में करीब 2 लाख और व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। बैठक में प्रधान सचिव पेयजल एवं स्वच्छता विभाग एपी सिंह, स्वच्छ भारत मिशन के निदेशक राजेश कुमार उपस्थित थे।