नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर में गाड़ियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई। सर्वोच्च अदालत ने कारों की संख्या और प्रदूषण को देखते हुए कहा कि परिवार नियोजन की ही तरह गाड़ियों के लिए भी ऐसे किसी प्लान को लाने की जरूरत है। दिल्ली-एनसीआर में कारों की संख्या एक करोड़ से ऊपर हो चुकी है। प्रतिवर्ष गाड़ियों की संख्या में 7 लाख की वृद्धि दर्ज की जा रही है। इस पर चिंता जताते हुए कोर्ट ने कहा कि गाड़ियों की संख्या निर्धारित करने के लिए परिवार नियोजन के ‘हम दो हमारे दो’ जैसे किसी कैंपेन की जरूरत है। इससे राजधानी में रहनेवाले लोगों पर बेहिसाब गाड़ी खरीदने की प्रवृत्ति पर रोक लग सकेगी।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version