श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के दौरान जैश-ए-मोहम्मद दो आतंकियों को मार गिराया। न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, इनमें से एक आतंकी मुदासिर अहमद खान उर्फ मोहम्मद भाई (23 साल) है। सोमवार को मुदासिर के परिवार ने उसके शव की पहचान की। दूसरे आतंकी की शिनाख्त के लिए उसका डीएनए सैम्पल लिया गया है।
इससे पहले रविवार को पुलवामा हमले की जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया था कि मुदासिर 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायीन हमले का मास्टरमाइंड था। उसी ने हमले के लिए गाड़ी और विस्फोटक जुटाया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गये थे।
सुरक्षाबलों ने घर को विस्फोट से उड़ाया
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि त्राल इलाके के पिंगलिश गांव में आतंकियों के छिपे होने की सूचना के बाद सुरक्षाबलों ने रविवार को तलाशी अभियान शुरू किया था। इसी दौरान एक घर में छिपे आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग की। सुरक्षाबलों ने देर रात घर को विस्फोट से उड़ा दिया। सोमवार सुबह दोनों आतंकियों के शव मिले। उनके पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद भी बरामद हुआ।
एनआइए के अधिकारियों ने बताया कि 14 फरवरी को हमले से पहले मुदासिर लगातार फिदायीन आदिल अहमद डार के संपर्क में था। मुदासिर ग्रेजुएशन और इलेक्ट्रीशियन का डिप्लोमा कर चुका था। वह 2017 में अजहर मसूद के आतंकी संगठन जैश से जुड़ा था। माना जाता है कि वह फरवरी 2018 में आर्मी कैंप पर हुए हमले में भी शामिल था।
हमले में इस्तेमाल हुई थी मारूति इको
एनआइए के मुताबिक, सीआरपीएफ पर हमले के लिए आतंकियों ने एक मारूति इको कार का इस्तेमाल किया था। जैश के आतंकी सज्जाद भट ने हमले से 10 दिन पहले ही यह कार खरीदी थी। सज्जाद हमले के बाद से फरार है। एनआइए की टीम ने पिछले महीने सज्जाद और मुदासिर के घर पर छापेमारी की थी।