अबू धाबी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (आईआईसी) की बैठक में आतंकवाद के मुद्दे के उठाते हुए कहा कि उन देशों पर दबाव बनाया जाए जो इसका समर्थन करते हैं और उन्हें फंडिंग करते हैं। स्वराज ने कहा कि ओआईसी को यह आवश्यक तौर पर ऐसे देशों से कहना चाहिए कि वह आतंकवादी ढांचे को खत्म करे।

आतंकवाद से सुषमा ने जोरदार ढंग से रखी बात
ओआईसी (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन) की अबु धाबी में बैठक के दौरान बतौर विशिष्ट अतिथि हिस्सा लेने पहुंची भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि जोरदार तरीके से आतंकवाद पर अपनी बातें रखी। उन्होंने कहा कि आज आतंकवाद की चुनौतियां बढ़ गई है। यह तेजी से फैलता चला जा रहा है। यह अलग-अलग तरीके से चलाए जा रहे हैं।

सुषमा ने कहा कि आतंकवाद जिंदगियों को बर्बाद कर रहा है, क्षेत्र में अस्थिरता पैदा कर रहा है। आतंकवाद तेजी से फैल रहा है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ लड़ाई नहीं है। आतंकवाद और कट्टरपंथ के अलग-अलग नाम और अलग-अलग पहचान हैं। सुषमा ने कहा कि हमें सभी देशों से यह कहना होगा कि वे आतंकवाद को पनाह और समर्थन देना बंद करें और उन्हें आतंकि ठिकानों को नष्ट करना होगा।

ओआईसी की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि धर्म को तोड़ मरोड़कर आतंकवाद को हवा दी जा रही है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ लड़ाई नहीं है। जैसे इस्लाम का मतलब शांति है ठीक वैसे ही अल्लाह के 99 नाम का मतलब कहीं भी हिंसा नहीं है। इसी तरह हर धर्म शांति का पक्षधर है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन की बैठक में विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाना भारत के लिए सम्मान की बात है।

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