रांची। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा रायपुर की एक कंपनी को झारखंड में सड़क निर्माण का अधिकांश काम दिये जाने के मामले की जांच विधानसभा की समिति करेगी। यह घोषणा बुधवार को सदन में प्रभारी मंत्री बादल ने की। निर्दलीय विधायक सरयू राय ने ध्यानाकर्षण के जरिये यह मामला उठाया। इसके जवाब में प्रभारी मंत्री ने जांच की घोषणा की। सरयू राय ने रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में रायपुर की अग्रवाल ग्लोबल इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड को मिले काम की जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस कंपनी के संयुक्त उपक्रम को हंटरगंज-पांडेपुर प्रतापपुर पथ के चौड़ीकरण और सुदृढीकरण का काम 7933.149 लाख रुपये की लागत पर मार्च 2017 में निविदा समिति की ओर से आवंटित किया गया था, जबकि 13 जनवरी 2017 को इंडियन कंपनी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकृत होने के कारण इस कंपनी को काम का पर्याप्त अनुभव नहीं था।
इसी कंपनी को मेराल-बाना-अंबाखोरिया का काम भी आवंटित हुआ था, जिसे हाइकोर्ट ने रद्द कर दिया था। अनुभव नहीं रहने के बावजूद निविदा समिति की ओर से इसे कार्यादेश देने में हुई अनियमितता की जांच विशेष जांच समिति से करायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नगण्य अनुभव के बाद भी इस कंपनी को पथ निर्माण विभाग और अन्य निर्माण कार्य आवंटित हुए हैं, जिसमें तत्कालीन सरकार के प्रभावशाली व्यक्तियों का स्वार्थ निहित है।
शर्तों के अनुसार किया गया काम का आवंटन
इसके जवाब में मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि इस कंपनी को शर्तों के अनुसार काम का आवंटन किया गया है। इस पर सरयू राय ने कहा कि यह कंपनी झारखंड से जुड़ गयी है और इसे पर्यटन और सहकारिता विभाग समेत अन्य विभागों में भी काम का आवंटन किया गया है। इस कंपनी के मालिक के रायपुर स्थित होटल क्लार्क इन में झारखंड के एक प्रभावशाली व्यक्ति के बेटे की शादी हुई थी। इस कंपनी को काम देने में हुई अनियमितता की जांच एसीबी से होनी चाहिए। जवाब में सरकार की तरफ से बताया गया कि तत्कालीन महाधिवक्ता की सलाह पर उक्त कंपनी को काम दिया गया। इस पर सरयू राय ने तत्कालीन महाधिवक्ता को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्होंने जिन तीन मामलों में सलाह दी, उनसे सरकार को नुकसान उठाना पड़ा। वे जनहित के खिलाफ काम करते रहे। इसलिए इस मामले की जांच होनी चाहिए। उनकी बातें सुनने के बाद मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि मामला हाइकोर्ट में विचाराधीन है। इस पर सरयू राय ने कहा कि कोर्ट ने इस पर स्टे नहीं दिया है।
सरकार जांच से डरती क्यों है : प्रदीप यादव
तभी पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि आखिर सरकार इस मामले में जांच से क्यों डरती है। अगर यूं ही प्रभावशाली लोगों को उपकृत किया जाता रहा, तो हो गया। इस पर बादल ने कहा कि वर्तमान सरकार बदले की भावना से काम नहीं करेगी। प्रदीप यादव ने कहा कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के बेटे की शादी होटल क्लार्क इन में हुई। तब मुख्यमंत्री ही पथ निर्माण मंत्री भी थे। इस मामले की एसआइटी से जांच होनी चाहिए।
मेरे मामले की भी जांच करायी गयी : बंधु तिर्की
मांडर विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि यह मामला गंभीर और संगीन है। मेरा मामला भी कोर्ट में विचाराधीन था, तो मेरे मामले की जांच क्यों करायी गयी। अग्रवाल ग्लोबल इंफ्राटेक की भी जांच होनी चाहिए। इस पर बादल पत्रलेख ने कहा कि मैं सत्ता पक्ष और विपक्ष को आश्वस्त कराना चाहता हूं कि सरकार बदले की भावना से काम नहीं करेगी। पर सदस्यों की भावना के अनुसार विधानसभा की समिति गठित कर मामले की जांच करायी जायेगी।